
Diabetes Prevention Tips : देशभर में मधुमेह के मामलों में लगातार इज़ाफा हो रहा है और यह एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। भारत में यह बीमारी पहले से कहीं ज्यादा तेज़ी से फैल रही है—बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक, महिलाओं से लेकर बच्चों तक, कोई भी इसकी चपेट में आने से नहीं बच पा रहा। लेकिन खास बात यह है कि पुरुषों में मधुमेह का खतरा महिलाओं की तुलना में अधिक पाया गया है। हाल ही में जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में 14.5% पुरुष गंभीर मधुमेह से ग्रसित हैं, जबकि महिलाओं में यह आंकड़ा 12.4% है।
भारत में क्यों बढ़ रहा है मधुमेह
भारत को 'डायबिटीज कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड' कहा जाता है। इसका कारण है कि पूरी दुनिया के करीब 17% मधुमेह रोगी भारत में हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है बदलती जीवनशैली, खराब खानपान और शारीरिक सक्रियता की कमी। पुरुषों में शारीरिक गतिविधि का स्तर महिलाओं की तुलना में कम देखा गया है। महिलाएं उम्र बढ़ने पर भी घर के कामों में व्यस्त रहती हैं, जिससे वे एक हद तक शारीरिक रूप से सक्रिय बनी रहती हैं। वहीं पुरुषों का दिन का अधिकांश हिस्सा ऑफिस में बैठकर बीतता है, जिसके कारण उनकी गतिविधि कम हो जाती है और मोटापा, हाई ब्लड शुगर जैसी समस्याएं बढ़ती हैं।
पुरुषों की जीवनशैली और खानपान की भूमिका
पुरुषों में खानपान और आदतें मधुमेह के प्रमुख कारक माने जाते हैं। अधिकतर पुरुष बाहर का खाना, तला-भुना, फास्ट फूड और अधिक मात्रा में मीठा खाने के आदी होते हैं। इसके अलावा, धूम्रपान और शराब जैसी आदतें भी स्थिति को और खराब कर देती हैं। वहीं महिलाएं आमतौर पर घर का बना भोजन लेती हैं और उनकी डाइट तुलनात्मक रूप से संतुलित होती है।
पुरुषों में मधुमेह का प्रमुख संकेत: स्तंभन दोष
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, पुरुषों में मधुमेह का एक प्रमुख और अक्सर नजरअंदाज किया जाने वाला लक्षण है—स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिस्फंक्शन। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब उच्च रक्त शर्करा के कारण तंत्रिकाएं और रक्त धमनियां प्रभावित होती हैं। इससे जननांगों में पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं हो पाता, जिससे यौन क्षमता में कमी आने लगती है। यह स्थिति सिर्फ उम्र बढ़ने या मानसिक तनाव के कारण नहीं होती, बल्कि यह मधुमेह का प्रारंभिक संकेत भी हो सकती है।
हार्मोनल असंतुलन और यौन स्वास्थ्य
मधुमेह से इंसुलिन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन पर प्रभाव पड़ता है। हार्मोनल बदलाव न सिर्फ यौन क्षमता को प्रभावित करते हैं, बल्कि पुरुषों की मानसिक स्थिति और आत्मविश्वास पर भी असर डालते हैं। इस कारण से कई बार व्यक्ति अवसाद में भी चला जाता है, जो स्थिति को और जटिल बना देता है।
मधुमेह से जुड़ी अन्य जटिलताएं
यदि मधुमेह को समय रहते नियंत्रित नहीं किया जाए, तो यह हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग जैसी कई गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है। रक्त परिसंचरण में रुकावट के कारण अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे अंगों की कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ता है।
मधुमेह को रोकने और नियंत्रित करने के उपाय
संतुलित आहार लें: अपने भोजन में फाइबर युक्त चीजें शामिल करें जैसे हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज और दालें। अधिक कार्बोहाइड्रेट और मीठे पदार्थों से दूरी बनाए रखें।
नियमित व्यायाम करें: रोज़ाना कम से कम 30 मिनट चलना, योग करना या जिम जाना मधुमेह नियंत्रण में मदद करता है।
तनाव से बचें: मानसिक तनाव भी रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है, इसलिए ध्यान, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद लें।
नियमित जांच: हर 3 से 6 महीने में ब्लड शुगर की जांच करवाना जरूरी है, ताकि समय रहते स्थिति का पता चल सके।
जंक फूड से परहेज: तले हुए और प्रोसेस्ड फूड को अपने भोजन से हटा दें।