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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच मुकाबला बेहद कड़ा माना जा रहा है। दोनों पार्टियां जीत का दावा कर रही हैं, लेकिन इस बार चुनावी समीकरण पिछले चुनावों से कुछ अलग नजर आ रहे हैं। केजरीवाल, जिन्होंने बीते दो चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, अब मध्यम वर्ग के समर्थन से वंचित हो सकते हैं।

केजरीवाल के लिए मध्यम वर्ग की नाराजगी चिंता का कारण

दिल्ली में पिछले दो चुनावों में मध्यम वर्ग का समर्थन आम आदमी पार्टी के पक्ष में था, जो उनकी भारी जीत का कारण बना। लेकिन इस बार ऐसा लगता है कि मध्यम वर्ग केजरीवाल सरकार से नाराज है।

चुनाव विशेषज्ञ नीरजा चौधरी के अनुसार, मध्यम वर्ग अब बदलाव चाहता है और बीजेपी इस वर्ग में अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।

उन्होंने कहा, "पिछले चुनावों में केजरीवाल को भारी समर्थन मिला था, लेकिन इस बार मध्यम वर्ग उनके कामकाज से असंतुष्ट नजर आ रहा है।"

इसके विपरीत, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले गरीबों के बीच केजरीवाल की लोकप्रियता बरकरार है।

बीजेपी का मध्यम वर्ग पर फोकस

नीरजा चौधरी के मुताबिक, बीजेपी मध्यम वर्ग पर अपना प्रभाव बढ़ा रही है।

प्रचार अभियान:

पीएम मोदी खुद दिल्ली चुनाव प्रचार में विपक्ष पर हमला बोल रहे हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रचार में जुटे हुए हैं।

सर्वेक्षण रिपोर्ट्स:

हाल के सर्वेक्षणों में बीजेपी को मध्यम वर्ग के बीच अच्छा समर्थन मिलता दिख रहा है।

बीजेपी का यह वर्गीय समर्थन उसकी रणनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।

आम आदमी पार्टी की घोषणापत्र पर निर्भरता

नीरजा चौधरी का मानना है कि इस बार AAP का घोषणापत्र चुनाव में गेम चेंजर साबित हो सकता है।

"AAP को गरीब वर्ग से अभी भी समर्थन मिल रहा है," उन्होंने कहा।

झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग केजरीवाल सरकार के मोहल्ला क्लिनिक, स्कूलों और बिजली सुविधाओं के कामकाज से खुश हैं।

लेकिन, घोषणापत्र में मध्यम वर्ग की चिंताओं को प्राथमिकता देकर उन्हें वापस लाने की कोशिश करनी होगी।

AAP में फूट का खतरा

चुनाव विशेषज्ञों ने आम आदमी पार्टी के भीतर फूट का खतरा भी जताया है।

"अगर केजरीवाल को 50 से कम सीटें मिलती हैं, तो पार्टी के अंदर अस्थिरता बढ़ सकती है," नीरजा चौधरी ने कहा।

यदि पार्टी को 40 सीटों से कम मिलती हैं, तो यह केजरीवाल सरकार के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है।

मध्यम वर्ग की नाराजगी के कारण

चुनाव विशेषज्ञों के अनुसार, मध्यम वर्ग के केजरीवाल से नाराज होने के पीछे कुछ प्रमुख कारण हैं:

अमीरों और गरीबों को तरजीह:

ऐसा माना जा रहा है कि AAP सरकार ने गरीबों को मुफ्त सुविधाएं दीं और अमीरों को लाभ पहुंचाया।

इसके बीच मध्यम वर्ग को नजरअंदाज किया गया।

वेतन वृद्धि की समस्या:

मध्यम वर्ग को शिकायत है कि उनके वेतन में आवश्यकतानुसार वृद्धि नहीं हुई है।

उनके जीवन स्तर में सुधार की उम्मीदें पूरी नहीं हुईं।