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Hindus in Bangladesh : बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर बढ़ते हमलों को लेकर भारत सरकार ने गहरी चिंता व्यक्त की है। सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि अगस्त 2024 से अब तक बांग्लादेश में 23 हिंदुओं की मौत हो चुकी है, जबकि हिंदू मंदिरों पर हमले की 152 घटनाएं दर्ज की गई हैं।
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि "पिछले दो महीनों (26 नवंबर 2024 से 25 जनवरी 2025 तक) के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की 76 घटनाएं दर्ज की गई हैं।"
भारत की प्रतिक्रिया: राजनयिक दबाव और चिंता
मंत्री ने आगे कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमलों को गंभीरता से लिया है और इस मुद्दे को बांग्लादेश सरकार के समक्ष उठाया है। भारत सरकार ने इन घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए ढाका से इस पर उचित कदम उठाने की मांग की है।
भारत ने बांग्लादेशी राजनयिक को किया तलब
भारत सरकार ने बांग्लादेश में हो रही घटनाओं को लेकर कड़ा रुख अपनाया और शुक्रवार को बांग्लादेश के कार्यवाहक उच्चायुक्त नूरुल इस्लाम को तलब किया। नई दिल्ली ने बांग्लादेशी अधिकारियों द्वारा अपने आंतरिक राजनीतिक मुद्दों के लिए भारत को दोष देने की प्रवृत्ति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत बांग्लादेश के साथ पारस्परिक लाभकारी संबंधों को मजबूत बनाए रखने का प्रयास करेगा। उन्होंने आगे कहा, "हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश भी बिना किसी नकारात्मक प्रचार के आपसी संबंधों को मजबूत करने का प्रयास करेगा।"
उन्होंने यह भी बताया कि 7 फरवरी 2025 को शाम 5 बजे 'साउथ ब्लॉक' में नूरुल इस्लाम को औपचारिक रूप से तलब किया गया।
बांग्लादेश की शिकायत: भारत पर आरोप
बांग्लादेश ने भारत से शिकायत की कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के खिलाफ "झूठी और मनगढ़ंत" टिप्पणियां की हैं। ढाका सरकार ने भारत से आग्रह किया कि वह हसीना को इस तरह के बयान देने से रोके।
दरअसल, अगस्त 2024 में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी और वह भारत लौट आईं। इसके बाद, उन्होंने बुधवार को एक ऑनलाइन संबोधन में अपने समर्थकों से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के खिलाफ खड़े होने का आह्वान किया और आरोप लगाया कि सरकार ने असंवैधानिक तरीके से सत्ता हथिया ली है।
हिंसा और विरोध प्रदर्शन
शेख हसीना के भाषण से पहले ही हजारों प्रदर्शनकारियों ने उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान के घर पर हमला कर दिया, तोड़फोड़ की और आग लगा दी। हसीना के बयान के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा जारी रही।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ढाका में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त को एक औपचारिक विरोध पत्र सौंपा, जिसमें भारत सरकार से "झूठे, मनगढ़ंत और भड़काऊ बयानों" को रोकने की अपील की गई।
मंत्रालय ने कहा, "हम भारत से आग्रह करते हैं कि वह आपसी सम्मान और समझ की भावना से ऐसे झूठे बयानों को रोकने के लिए उचित कदम उठाए।"
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा और शेख मुजीबुर रहमान के घर पर हमले की कड़ी निंदा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस घटना को "बर्बरतापूर्ण कृत्य" करार दिया और कहा कि इस तरह की हिंसा को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।