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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ चुके हैं, और इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी कर ली है। आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि उसके कई बड़े नेता चुनाव हार चुके हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन तीनों को जनता ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
सत्येंद्र जैन भी हारे, भाजपा के करनैल सिंह की जीत
दिल्ली की शकूर बस्ती सीट से आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को भाजपा के करनैल सिंह ने हराया। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल, सिसोदिया और जैन तीनों जेल की सजा भुगत चुके हैं, और जनता ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया है। इस नतीजे ने यह साफ कर दिया कि दिल्ली के मतदाताओं ने भ्रष्टाचार और घोटालों में फंसे नेताओं को समर्थन देने से इनकार कर दिया।
कौन जीता और कौन हारा?
इस चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत मिली, जबकि आम आदमी पार्टी को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। यहां कुछ महत्वपूर्ण सीटों के नतीजे दिए गए हैं:
सीट | विजेता | पार्टी | हराया गया उम्मीदवार | वोटों का अंतर |
---|---|---|---|---|
शकूर बस्ती | करनैल सिंह | भाजपा | सत्येंद्र जैन | - |
राजौरी गार्डन | मनजिंदर सिंह सिरसा | भाजपा | धनवती चंदेला | 18,190 |
शालीमार बाग | रेखा गुप्ता | भाजपा | वंदना कुमारी | 29,595 |
दिल्ली कैंट | वीरेंद्र सिंह कादियान | आप | तंवर | 2,029 |
इन नतीजों से साफ है कि भाजपा ने कई अहम सीटों पर बढ़त बनाई, जबकि आप के कैंडिडेट्स पिछड़ गए।
दिल्ली में भाजपा की सरकार, 27 साल बाद सत्ता में वापसी
इस चुनाव के नतीजों से यह स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली में भाजपा 27 साल बाद सत्ता में वापसी कर रही है।
- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कुल 1.55 करोड़ मतदाताओं में से 60.54% ने मतदान किया।
- पिछली बार (2020) आम आदमी पार्टी ने 62 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।
- 1993 में भाजपा ने दिल्ली में सरकार बनाई थी, जब उसे 49 सीटें मिली थीं।
इस बार के नतीजों से साफ है कि दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आया है, और जनता ने भाजपा को सत्ता सौंपने का फैसला किया है।
केजरीवाल की आप को बड़ा झटका
अरविंद केजरीवाल की पार्टी जो कभी दिल्ली की राजनीति पर हावी थी, इस बार बुरी तरह से पिछड़ गई।
- 2015 में आप ने 67 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।
- 2020 में आप ने 62 सीटें जीतीं, लेकिन इस बार जनता ने करारा जवाब दिया।
- 2013 में अपने पहले चुनाव में आप ने 31 सीटें जीती थीं लेकिन सत्ता से बाहर रही थी।
- इस बार आप को करारी हार मिली है, और केजरीवाल समेत कई बड़े नेता अपनी सीट भी नहीं बचा पाए।
भाजपा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को बनाया हथियार
भाजपा ने इस बार चुनाव में केजरीवाल सरकार के कथित भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाया और जनता के सामने इसे जोर-शोर से उठाया।
- शराब घोटाले और ‘शीश महल’ (मुख्यमंत्री आवास पर खर्च) का मुद्दा भाजपा ने जमकर भुनाया।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनाव प्रचार में इन मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया।
- भाजपा ने जनता के सामने 'मोदी मॉडल' और 'केजरीवाल मॉडल' की तुलना की।
भाजपा के वादे: मुफ्त बिजली, पानी, महिलाओं के लिए भत्ता
भाजपा ने चुनाव से पहले जनता के सामने कई वादे किए, जिनमें शामिल हैं:
मुफ्त बिजली और पानी जारी रहेगा।
महिलाओं को ₹2,500 मासिक भत्ता मिलेगा।
10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।
योजनाओं को लागू करने के लिए पारदर्शी सरकार देने का वादा।
भाजपा ने कहा कि वह आम आदमी पार्टी की कई कल्याणकारी योजनाओं को और बेहतर तरीके से लागू करेगी।