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क्या आपके बच्चे की लंबाई सही से नहीं बढ़ रही? इसका कारण विटामिन डी की कमी हो सकता है। विटामिन डी हड्डियों के विकास में अहम भूमिका निभाता है और कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। इसकी कमी से हड्डियों में दर्द, कमजोरी और लंबाई न बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे की लंबाई सही से बढ़े, तो विटामिन डी की कमी न होने दें और यह सुनिश्चित करें कि उनके आहार में सही पोषक तत्व मौजूद हों।
बच्चों की लंबाई और हड्डियों के विकास में विटामिन डी की भूमिका
शोध से यह साबित हो चुका है कि विटामिन डी की कमी और बौनेपन के बीच गहरा संबंध है।
- कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है – विटामिन डी भोजन से कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं।
- ग्रोथ प्लेट्स को सक्रिय करता है – हड्डियों के सिरों पर मौजूद ग्रोथ प्लेट्स (Growth Plates) लंबाई बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती हैं।
- बचपन और किशोरावस्था में लंबाई बढ़ाने में मदद करता है – विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा हड्डियों को मजबूत और लंबा बनाने में मदद करती है।
विटामिन डी की कमी से बच्चों की लंबाई पर असर
अगर बच्चे के शरीर में विटामिन डी का स्तर 10 ng/ml से कम हो जाता है, तो इसकी वजह से उसकी लंबाई में हर साल 0.6 सेमी तक की कमी हो सकती है।
- इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और ग्रोथ स्लो हो जाती है।
- कैल्शियम की कमी होने लगती है, जिससे हड्डियों का घनत्व (Bone Density) कम हो सकता है।
- बच्चों की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और वे जल्दी थकान महसूस कर सकते हैं।
अगर आपके बच्चे की लंबाई सामान्य से कम बढ़ रही है, तो डॉक्टर से विटामिन डी टेस्ट करवाना जरूरी है।
विटामिन डी की कमी के 14 संकेत
अगर शरीर में विटामिन डी की कमी हो रही है, तो इसके कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यहां 14 ऐसे लक्षण दिए गए हैं, जिनसे आप विटामिन डी की कमी को पहचान सकते हैं –
- माथे पर ज्यादा पसीना आना
- हड्डियों में दर्द और कमजोरी
- मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द
- थकान और सुस्ती महसूस होना
- शारीरिक सहनशक्ति की कमी
- मूड स्विंग्स और डिप्रेशन
- नींद न आना (अनिद्रा)
- बालों का झड़ना ज्यादा होना
- बार-बार बीमार पड़ना (इम्यूनिटी कमजोर होना)
- कमर और घुटनों में दर्द रहना
- भूख कम लगना
- त्वचा का रूखा और बेजान होना
- लगातार सिरदर्द रहना
- जोड़ों में अकड़न और दर्द महसूस होना
अगर आपके बच्चे में इनमें से कुछ लक्षण दिख रहे हैं, तो उसे तुरंत विटामिन डी सप्लीमेंट्स या धूप में बैठने की आदत डालें।
विटामिन डी की कमी को कैसे दूर करें?
विटामिन डी की कमी से बचने के लिए आहार और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव जरूरी हैं।
1. विटामिन डी से भरपूर भोजन खाएं
बच्चों की डाइट में ये फूड्स शामिल करें –
- मछली – साल्मन, ट्यूना और सार्डिन में विटामिन डी अधिक होता है।
- डेयरी प्रोडक्ट्स – दूध, दही, पनीर और मक्खन कैल्शियम और विटामिन डी का अच्छा स्रोत हैं।
- अंडे की जर्दी – अंडे का पीला भाग विटामिन डी से भरपूर होता है।
- मशरूम – यह प्राकृतिक रूप से विटामिन डी का अच्छा स्रोत है।
- संतरा और संतरे का जूस – यह शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करता है।
- टोफू और सोया मिल्क – शाकाहारी लोगों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
2. रोजाना सुबह धूप लें
- विटामिन डी का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत सूर्य की रोशनी है।
- सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच 20-30 मिनट तक धूप में बैठना फायदेमंद होता है।
- ज्यादा कपड़े पहनने से शरीर को विटामिन डी नहीं मिल पाता, इसलिए हाथ-पैर खुले रखें।
3. हेल्दी फैट वाला खाना खाएं
- बादाम, अखरोट, अलसी के बीज और सूरजमुखी के बीज में हेल्दी फैट होता है, जिससे विटामिन डी का अवशोषण बेहतर होता है।
- गाय का दूध, नारियल का दूध, सोया मिल्क और डार्क चॉकलेट भी फायदेमंद हैं।
4. विटामिन डी सप्लीमेंट लें (डॉक्टर की सलाह पर)
अगर विटामिन डी की कमी बहुत ज्यादा हो, तो डॉक्टर की सलाह लेकर सप्लीमेंट्स लेना जरूरी हो सकता है।
- बच्चों के लिए 400 IU से 600 IU विटामिन डी प्रतिदिन आवश्यक होता है।
- अधिक कमी होने पर डॉक्टर विटामिन डी के ड्रॉप्स या सिरप दे सकते हैं।