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Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान संपन्न हो चुका है। माना जा रहा है कि इस पावन स्नान के बाद नागा साधु अपने-अपने आश्रमों की ओर लौटना शुरू कर देंगे।

मिली जानकारी के अनुसार, सुबह 8 बजे तक 62.37 लाख श्रद्धालु संगम में पुण्य स्नान कर चुके थे। अनुमान है कि शाम तक यह संख्या 1 करोड़ के पार पहुंच सकती है। अब श्रद्धालुओं के मन में यह सवाल उठ रहा है कि अगला बड़ा स्नान कब होगा। आइए, जानते हैं महाकुंभ के अगले प्रमुख स्नान की तिथि और उसका धार्मिक महत्व।

अगला महाकुंभ स्नान कब होगा?

महाकुंभ का अगला महत्वपूर्ण स्नान 12 फरवरी 2025 को माघ पूर्णिमा के दिन होगा।

 पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ: 11 फरवरी को शाम 06:55 बजे
पूर्णिमा तिथि का समापन: 12 फरवरी को शाम 07:22 बजे

सनातन धर्म में उदय तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए महास्नान 12 फरवरी को संपन्न होगा।

12 फरवरी को विशेष स्नान के शुभ मुहूर्त

महाकुंभ में स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों का विशेष महत्व होता है। इस दिन कुछ महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

 ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 05:19 से 06:10 तक
 गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:07 से 06:32 तक
अमृत काल: शाम 05:55 से 07:35 तक
 अभिजीत मुहूर्त: इस दिन उपलब्ध नहीं है

माघ पूर्णिमा और सत्यनारायण व्रत का महत्व

माघ पूर्णिमा की पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम कर रहे थे। उसी समय महर्षि नारद वैकुंठ पहुंचे। भगवान विष्णु ने नारद से उनके आगमन का कारण पूछा। इस पर नारदजी ने कहा,

"हे प्रभु, कोई ऐसा उपाय बताइए जिससे लोगों का कल्याण हो सके।"

भगवान विष्णु ने उत्तर दिया कि जो व्यक्ति इस संसार में सुख-समृद्धि प्राप्त करना चाहता है और मृत्यु के बाद मोक्ष चाहता है, उसे पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण व्रत और पूजा करनी चाहिए।

सत्यनारायण व्रत और पूजा विधि

 पूरे दिन उपवास रखें।
 संध्या काल में भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करें।
पूजन के बाद फल, पंचामृत और हलवे का भोग लगाएं।
दान-दक्षिणा करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।

भगवान विष्णु ने कहा कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि माघ पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और व्रत का विशेष महत्व माना गया है।