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इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है – कोविड-19 से संक्रमित लोगों में अल्जाइमर से जुड़े बायोमार्कर के स्तर बढ़ने की संभावना अधिक होती है। विशेष रूप से, जिन मरीजों का अस्पताल में इलाज किया गया था, उनमें एमाइलॉयड प्रोटीन से जुड़े बायोमार्कर का स्तर काफी अधिक पाया गया। यह वृद्धि जीवन प्रत्याशा में चार साल की वृद्धि के बराबर मानी जा सकती है।
एमाइलॉयड प्रोटीन और मस्तिष्क संबंधी बीमारियां
एमाइलॉयड प्रोटीन शरीर में कई कार्य करता है, लेकिन जब इसका असामान्य रूप – बीटा-एमाइलॉयड (Aβ) – बनने लगता है, तो यह न्यूरोलॉजिकल बीमारियों को जन्म दे सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि हल्का या मध्यम स्तर का कोविड-19 संक्रमण भी मस्तिष्क में इस हानिकारक प्रोटीन के निर्माण की प्रक्रिया को तेज कर सकता है, जिससे अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
कोविड-19 से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं क्यों बढ़ रही हैं?
अल्जाइमर रोग एक गंभीर मस्तिष्क विकार है, जिसमें मस्तिष्क कोशिकाएं धीरे-धीरे मरने लगती हैं। इससे स्मृति हानि, सोचने-समझने की क्षमता में गिरावट और दैनिक कार्यों को करने में कठिनाई होती है। शोध में यह सामने आया है कि कोविड-19 संक्रमण से मस्तिष्क पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है और इससे अल्जाइमर जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
कोविड-19 के मस्तिष्क पर प्रभाव और प्रमुख लक्षण
कोविड-19 के कारण हल्की से गंभीर सूजन वाले रोगियों में दौरे, स्ट्रोक, मानसिक भ्रम, सिरदर्द, चक्कर आना और धुंधली दृष्टि जैसे लक्षण देखे गए हैं। संक्रमण से उबरने के बाद भी कई मरीजों को मानसिक स्पष्टता में कमी महसूस होती है। इन लक्षणों का प्रचलन यह संकेत देता है कि कोविड-19 और अल्जाइमर के बीच संभावित संबंध हो सकता है।
कोविड-19 और अल्जाइमर: शोध क्या कहता है?
कोविड-19 और अल्जाइमर के बीच संभावित संबंध को बेहतर तरीके से समझने के लिए 30 देशों के प्रतिनिधि, अल्जाइमर एसोसिएशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मिलकर एक अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि कोविड-19 वायरस न केवल मस्तिष्क में सूजन को ट्रिगर कर सकता है, बल्कि यह दीर्घकालिक न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को जन्म देने की क्षमता भी रखता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकांश लोग कोविड-19 के प्रभावों से उबर जाएंगे, लेकिन कुछ लोगों को भविष्य में मनोभ्रंश, जीवन की खराब गुणवत्ता और विकलांगता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।