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Share Market : आज का दिन भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में एक काले दिन की तरह दर्ज हो गया है। कोरोना काल के बाद पहली बार इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली, जिसने निवेशकों को हिला कर रख दिया। सोमवार की सुबह जैसे ही बाजार खुला, सेंसेक्स करीब 2700 अंक और निफ्टी 950 अंक नीचे फिसल गया। इस तेज गिरावट ने निवेशकों की संपत्ति में भारी कटौती कर दी।

इससे पहले एशियाई, यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में भी कमजोरी देखने को मिली थी, जिसने भारतीय बाजार को और अधिक दबाव में ला दिया। ये संकेत पहले से ही स्पष्ट कर रहे थे कि बाजार में एक बड़ी गिरावट की आशंका है।

बाजार में गिरावट के आंकड़े

बीएसई सेंसेक्स की बात करें तो यह फिलहाल 3379.19 अंक यानी 4.48 प्रतिशत गिरकर 72,633.63 के स्तर पर आ चुका है। वहीं, निफ्टी 50 में भी 1056.05 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई है और यह 4.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 21,848.40 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इससे पहले शुक्रवार को भी सेंसेक्स 930.67 अंक या 1.22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75,364.69 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 50 ने भी 345.65 अंकों की गिरावट झेली थी और 22,904.45 पर बंद हुआ था।

निवेशकों की दौलत में भारी नुकसान

बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में आज 19.39 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है। 4 अप्रैल, 2025 तक बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप 4,03,34,886.46 करोड़ रुपये था। सोमवार को बाजार खुलते ही यह घटकर 3,83,95,173.56 करोड़ रुपये रह गया, यानी निवेशकों की दौलत में सीधे 19,39,712.9 करोड़ रुपये की कमी आ गई। गौर करने वाली बात यह है कि 3 अप्रैल को यह आंकड़ा 4,13,33,265.92 करोड़ रुपये था, जिससे साफ है कि केवल चार दिनों में मार्केट कैप में जबरदस्त गिरावट आई है।

वैश्विक बाजारों में भी कमजोरी

सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। इसका एक बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ हैं, जिनका असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर पड़ा है।

सोमवार को एशिया के प्रमुख शेयर बाजारों में भी भारी गिरावट देखी गई। जापान का निक्केई सूचकांक 225 अंक गिरा और एक घंटे के भीतर ही 7.1 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,375.71 पर बंद हुआ। दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक भी 5.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,328.52 पर आ गया। ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 इंडेक्स 6.3 प्रतिशत गिरकर 7,184.70 पर बंद हुआ। हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक तो 9 प्रतिशत से अधिक लुढ़क गया।

अमेरिका की बात करें तो नैस्डैक इंडेक्स शुक्रवार को ही 6 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ था। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही गिरावट भारतीय बाजारों में होती, तो सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 1400 अंकों की और गिरावट देखने को मिल सकती थी।