
अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध ने वैश्विक आर्थिक माहौल को बुरी तरह प्रभावित किया है। टैरिफ को लेकर चल रही तनातनी ने निवेशकों को असमंजस में डाल दिया है और इसका सीधा असर अब सोने की कीमतों पर देखने को मिल रहा है। जब भी वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ती है, तो निवेशक जोखिम भरे बाजारों से निकलकर सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख करते हैं – और सोना हमेशा से उनका पहला विकल्प रहा है।
92,000 रुपये प्रति 10 ग्राम: सोने ने तोड़ा अपना ही रिकॉर्ड
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर गुरुवार को सोने की कीमतों ने इतिहास रच दिया। पहली बार 10 ग्राम सोने की कीमत 92,000 रुपये के पार पहुंची। 5 जून को समाप्त हो रहे फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में सोने का भाव 92,400 रुपये तक चढ़ गया। हालांकि दिन के अंत तक थोड़ी गिरावट देखने को मिली और यह 92,050 रुपये पर बंद हुआ, लेकिन यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर रहा।
इस आंकड़े को समझें तो सोमवार को सोने की कीमत 86,928 रुपये थी और गुरुवार तक इसमें करीब 5,472 रुपये का उछाल दर्ज किया गया। यानी केवल चार दिनों में सोने ने निवेशकों को भारी रिटर्न दे डाला।
स्थानीय बाजार की स्थिति: 24 कैरेट सोना 90,160 रुपये के पार
एमसीएक्स पर बढ़ती कीमतों का असर घरेलू बाजार में भी दिख रहा है। इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत 90,160 रुपये प्रति 10 ग्राम हो चुकी है। वहीं, 22 कैरेट सोना 88,000 रुपये, 20 कैरेट 80,240 रुपये और 18 कैरेट सोना 73,030 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बना हुआ है।
यह ध्यान देना जरूरी है कि IBJA की वेबसाइट पर दिखाए गए रेट में मेकिंग चार्ज और जीएसटी शामिल नहीं होते। जब आप ज्वैलरी खरीदते हैं, तो इसके अलावा भी आपको लागत चुकानी होती है। अलग-अलग ज्वैलरी शॉप्स पर यह चार्ज अलग हो सकता है, जिससे अंतिम कीमत कुछ ज्यादा हो सकती है।
सोने की कीमतों में उछाल के पीछे की असली वजहें
सोने की कीमतों में अचानक आई इस तेजी के पीछे कुछ अहम वैश्विक कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है अमेरिका और चीन के बीच चल रहा टैरिफ युद्ध। अमेरिकी नीतियों में लगातार हो रहे बदलाव और चीन के साथ जारी व्यापार तनाव ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। आर्थिक मंदी की आशंका से निवेशक अपनी पूंजी को ज्यादा सुरक्षित जगह पर रखना चाहते हैं, और इसी वजह से सोने की मांग तेजी से बढ़ी है।
जब भी शेयर बाजार में अस्थिरता होती है या डॉलर में कमजोरी आती है, तो निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं। सोना एक ऐसा धातु है जिसे संकट की घड़ी में 'सुरक्षित निवेश' के रूप में देखा जाता है। इसी वजह से वैश्विक बाजार में मांग बढ़ने से भारत में भी सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है।
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