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Maha Kumbh 2025: हिंदू धर्म में महाकुंभ में स्नान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र स्नान से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। वर्ष 2025 का महाकुंभ 13 जनवरी से प्रारंभ होकर 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा। इस बीच कई शुभ अवसरों पर स्नान का विशेष महत्व होता है। महिलाओं के लिए महाकुंभ में स्नान के कुछ विशेष धार्मिक नियम होते हैं, जिनका पालन करना आवश्यक माना जाता है। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में विस्तार से।

महाकुंभ में स्नान के दौरान महिलाओं के लिए विशेष नियम

महाकुंभ में स्नान करते समय महिलाओं को संयमित एवं सात्विक जीवन जीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह केवल बाहरी शुद्धि का नहीं बल्कि आंतरिक आत्मशुद्धि का भी अवसर होता है।

1. सात्विकता और संयम बनाए रखना अनिवार्य

महिलाओं को महाकुंभ स्नान के दौरान पूर्ण रूप से सात्विक आहार और विचारों को अपनाना चाहिए। इस दौरान संयम रखना, पवित्रता बनाए रखना और किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए।

2. आत्मशुद्धि और भक्ति करें

महाकुंभ केवल एक धार्मिक मेला नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक साधना का समय भी है। महिलाओं को इस दौरान आत्मशुद्धि पर ध्यान देना चाहिए। स्नान के बाद भगवान की पूजा, ध्यान, भजन-कीर्तन और यज्ञ में भाग लेना चाहिए।

3. शारीरिक संबंध से बचें

महाकुंभ के दौरान पति-पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। यह समय पूरी तरह से आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक जागरूकता का होता है, इसलिए संयम का पालन आवश्यक माना जाता है।

4. संगम में तीन बार डुबकी लगाना आवश्यक

महिलाओं को संगम में कम से कम तीन बार डुबकी लगानी चाहिए। यह तीन डुबकियां त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश को समर्पित होती हैं और आध्यात्मिक शुद्धिकरण का प्रतीक मानी जाती हैं।

5. स्नान के बाद मंदिर दर्शन करें

महाकुंभ में स्नान के बाद महिलाओं को मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन करने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि बिना मंदिर दर्शन के महाकुंभ यात्रा अधूरी मानी जाती है।

6. केवल सात्विक भोजन करें

महाकुंभ स्नान के दिन सात्विक भोजन करना आवश्यक है। मांसाहार, लहसुन-प्याज, अधिक तला-भुना या मसालेदार भोजन त्यागकर केवल फलाहार या सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।

7. आचरण में शुद्धता बनाए रखें

महाकुंभ के दौरान वाणी, मन और कर्म की शुद्धता बनाए रखना बहुत जरूरी है। झूठ, क्रोध, लोभ, ईर्ष्या और अन्य बुरे विचारों से बचें। इस समय ध्यान, पूजा और भजन-कीर्तन करना चाहिए।

8. मासिक धर्म के दौरान स्नान न करें

महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान महाकुंभ स्नान नहीं करना चाहिए। यदि कोई महिला इस दौरान महाकुंभ में मौजूद हो तो वह पवित्र जल लेकर अपने ऊपर छिड़क सकती है और मानसिक रूप से प्रार्थना कर सकती है।

9. पूजा और बलिदान से बचें

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को महाकुंभ में पूजा, हवन और बलिदान में भाग नहीं लेना चाहिए। इस दौरान उन्हें अपने आध्यात्मिक अभ्यास को मौन साधना तक सीमित रखना चाहिए।

10. विवाहित महिलाओं के लिए हनुमान और नागवासुकि के दर्शन अनिवार्य

महाकुंभ में स्नान के बाद विवाहित महिलाओं को भगवान हनुमान या नागवासुकि के दर्शन अवश्य करने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि बिना इन देवताओं के दर्शन के महाकुंभ की धार्मिक यात्रा अधूरी मानी जाती है।

महाकुंभ 2025 के महत्वपूर्ण अमृत स्नान तिथियां

महाकुंभ 2025 में अभी दो महत्वपूर्ण अमृत स्नान शेष हैं, जिनका धार्मिक महत्व अत्यधिक माना जाता है।

  • 12 फरवरी 2025 (माघ पूर्णिमा) – इस दिन का स्नान अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
  • 26 फरवरी 2025 (महाशिवरात्रि) – इस अंतिम स्नान के साथ महाकुंभ का समापन होगा।

इन दोनों तिथियों पर स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है और कहा जाता है कि यह व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्त कर मोक्ष की ओर अग्रसर करता है।