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Health Warning : जब मस्तिष्क तक रक्त की आपूर्ति में बाधा आती है या नसों में किसी प्रकार की गड़बड़ी होती है, तो ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यह एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, जो अगर समय पर न पहचानी जाए, तो जीवन के लिए घातक हो सकती है। यदि आप स्ट्रोक से बचना चाहते हैं, तो इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है ताकि समय रहते इसका उपचार किया जा सके।
ब्रेन स्ट्रोक क्या होता है?
ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। यह स्थिति अचानक उत्पन्न होती है और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है। स्ट्रोक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke): यह सबसे सामान्य प्रकार का स्ट्रोक है, जो तब होता है जब मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो जाती हैं और रक्त प्रवाह रुक जाता है। यह आमतौर पर उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह, धूम्रपान और अस्वास्थ्यकर आहार के कारण होता है।
रक्तस्रावी स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke): इस प्रकार के स्ट्रोक में मस्तिष्क में रक्तस्राव (ब्लीडिंग) शुरू हो जाता है, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। इसे आम भाषा में "ब्रेन हेमरेज" भी कहा जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती लक्षण
स्ट्रोक अचानक हो सकता है, लेकिन अगर हम इसके शुरुआती लक्षणों को पहचान लें, तो इसे समय रहते रोका जा सकता है।
बोलने में कठिनाई: स्ट्रोक का पहला संकेत यह हो सकता है कि व्यक्ति की बोली अस्पष्ट हो जाए या वह सही शब्द न बोल पाए।
मांसपेशियों में कमजोरी या सुन्नपन: यदि शरीर के किसी एक हिस्से, विशेष रूप से हाथ या पैर में अचानक कमजोरी महसूस हो, तो यह स्ट्रोक का संकेत हो सकता है।
चेहरे का टेढ़ा होना: यदि व्यक्ति का चेहरा एक तरफ झुक जाए या वह ठीक से मुस्कुरा न सके, तो यह स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है।
अचानक सिरदर्द: बिना किसी कारण के अचानक बहुत तेज सिरदर्द होना भी स्ट्रोक का संकेत हो सकता है, खासकर अगर यह चक्कर, उल्टी या भ्रम के साथ हो।
चलने में कठिनाई: संतुलन बिगड़ना, चक्कर आना और पैरों में कमजोरी महसूस होना स्ट्रोक का संकेत हो सकता है।
समय पर पहचान और इलाज है जरूरी
स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा आपातकाल है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी अनुभव करता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर उपचार मिलने से मस्तिष्क को होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है और व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।