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Chandra Grahan 2024 : साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर 2024 को लगने वाला है। हालांकि, यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। यह चंद्र ग्रहण कुल 4 घंटे 4 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषी डाॅ. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर, जोधपुर के निदेशक अनीष व्यास ने बताया कि साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 18 सितंबर 2024 को लगेगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी दिखाई देगा।

इस चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही गहरी छाया में प्रवेश करेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस चंद्र ग्रहण का कुछ राशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में इस राशि के लोगों को सावधान रहना चाहिए। चंद्र ग्रहण पर सूतक ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले शुरू होता है और ग्रहण समाप्त होने पर ही समाप्त होता है।

साल 2024 में 4 ग्रहण- 
साल 2024 में भी चार ग्रहण लगेंगे. जिनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे. साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च 2024 को होली के दिन लगा था. वहीं, दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर, बुधवार को लगेगा। इसके अलावा पहला सूर्य ग्रहण सोमवार 8 अप्रैल को लगा था. दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर, बुधवार को लगने जा रहा है। 

खास बात यह है कि दोनों ग्रहण के दिन एक ही हैं। यानी पहला चंद्र और सूर्य ग्रहण सोमवार को है. दूसरा चंद्र और सूर्य ग्रहण बुधवार को है. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है। इस दौरान शुभ कार्य और पूजा-पाठ वर्जित होता है। लापरवाही या व्यवहार से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

18 सितंबर को आखिरी चंद्र ग्रहण- 
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 18 सितंबर 2024 को लगेगा. यह आंशिक चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी दिखाई देगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही गहरी छाया में प्रवेश करेगा।

चंद्र ग्रहण का समय:- सुबह 06:12 बजे से सुबह 10:17 बजे तक
कुल चंद्र ग्रहण की अवधि:- 04 घंटे 04 मिनट

चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं - 
ज्योतिषीय गणना के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। उसके आधार पर 18 सितंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण का सुप्त काल आमतौर पर 17 सितंबर की रात से शुरू होगा. यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल लागू नहीं होगा. साल के इस दूसरे चंद्र ग्रहण का भारत में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

यह यूरोप, अफ्रीका और उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। भारत में चंद्रमा 18 सितंबर को सुबह 6:06 बजे अस्त होगा, जबकि ग्रहण सुबह 6:12 बजे शुरू होगा। परिणामस्वरूप, जब चंद्र ग्रहण शुरू होगा, तब तक चंद्रमा अस्त हो चुका होगा, जिससे वह भारत में अदृश्य हो जाएगा।

चंद्रग्रहण सूतक - 
18 सितंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा क्योंकि यह चंद्र ग्रहण दिन में लग रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नंगी आंखों से दिखाई देने वाले ग्रहणों को ही सूतक काल माना जाता है।

भविष्यवाणी - 
चंद्र ग्रहण के कारण प्राकृतिक आपदाएं पहले से कहीं अधिक बढ़ेंगी। भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटना के संकेत हैं। प्राकृतिक आपदाओं में जनहानि बहुत कम होती है। फ़िल्मों और राजनीति से दुखद ख़बरें. कारोबार में तेजी आएगी. रोग कम होंगे. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आय में वृद्धि होगी.

विमान दुर्घटना की संभावना. राजनीतिक अस्थिरता का मतलब है कि दुनिया भर में राजनीतिक माहौल गर्म रहेगा। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप बढ़ेंगे। सत्ता संगठन में परिवर्तन होंगे। दुनिया भर में सीमाओं पर तनाव शुरू हो जाएगा. आंदोलन, हिंसा, विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, बैंक घोटाले, दंगे और आगजनी जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।