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HIV infection : एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक बेहद खतरनाक वायरस है, जिसके कारण एड्स जैसी गंभीर बीमारी होती है। इसे रोकने और नियंत्रित करने के लिए वैज्ञानिक और डॉक्टर दशकों से प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र एड्स एजेंसी (यूएनएड्स) ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिकी सहायता रोक दी गई और इसका कोई विकल्प नहीं मिला, तो 2029 तक एचआईवी संक्रमण के मामलों में 6 गुना वृद्धि हो सकती है। इसका मतलब है कि लाखों लोगों की मौत हो सकती है और एड्स के अधिक घातक रूप उभर सकते हैं।
दुनिया में एड्स रोगियों की मौजूदा स्थिति
संयुक्त राष्ट्र एड्स (यूएनएड्स) की कार्यकारी निदेशक विनी ब्यानयामा ने एक इंटरव्यू में एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि पिछले कुछ वर्षों में एचआईवी संक्रमण की दर में कमी आई है। साल 2023 में 1.3 मिलियन (13 लाख) नए मामले दर्ज किए गए, जो 1995 की तुलना में 60% की गिरावट को दर्शाता है। यह गिरावट एड्स के खिलाफ चलाए जा रहे वैश्विक अभियानों और अमेरिकी फंडिंग के कारण संभव हो पाई है।
हालांकि, हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की थी कि उनका देश अगले 90 दिनों तक विदेशी सहायता रोक देगा। यदि यह निर्णय लागू हुआ, तो एचआईवी रोकथाम अभियान पर गंभीर असर पड़ सकता है, जिससे संक्रमण और मृत्यु दर में भारी वृद्धि देखने को मिल सकती है।
अगर अमेरिका मदद करना बंद कर दे तो क्या होगा?
यूएनएड्स की प्रमुख विनी ब्यानयामा ने आगाह किया कि अगर अमेरिका ने अपनी सहायता पूरी तरह से रोक दी, तो 2029 तक दुनिया भर में एचआईवी के 8.7 मिलियन (87 लाख) नए मामले सामने आ सकते हैं। इसके अलावा, 6.3 मिलियन (63 लाख) लोगों की मौत होने का खतरा रहेगा।
इतना ही नहीं, इस संकट का एक और भयानक परिणाम यह होगा कि 3.4 मिलियन (34 लाख) बच्चे अनाथ हो सकते हैं। अगर सही समय पर सहायता नहीं मिली, तो हालात और भी बदतर हो सकते हैं, जिससे न केवल एड्स के मामले बढ़ेंगे बल्कि अन्य संक्रामक बीमारियों के प्रसार का भी खतरा रहेगा।
यूएनएड्स की अपील और स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव
संयुक्त राष्ट्र एड्स एजेंसी के प्रमुख ने अमेरिका से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है, क्योंकि इससे अफ्रीका और अन्य प्रभावित देशों में स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर संकट आ सकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव:
अफ्रीकी देशों में स्वास्थ्यकर्मियों की छंटनी:
केन्या के एक काउंटी में 550 एचआईवी कार्यकर्ताओं को पहले ही नौकरी से निकाल दिया गया है।
इथियोपिया में भी हजारों स्वास्थ्यकर्मियों को काम पर न आने के लिए कहा गया है।
महामारी पर नियंत्रण में बाधा:
स्वास्थ्य अधिकारियों को एचआईवी निगरानी और रोकथाम में कठिनाई हो रही है।
दवाओं की कमी से एचआईवी संक्रमित मरीजों की स्थिति और खराब हो सकती है।
अन्य देशों पर असर:
दुनिया के कई देशों में एचआईवी रोकथाम के 90% अभियान अमेरिकी सहायता पर निर्भर हैं।
अगर सहायता रोक दी गई, तो हजारों लोगों को आवश्यक दवाएं और चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल पाएंगी।