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Hike in petrol price : केंद्र सरकार ने हाल ही में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमशः ₹2.5 और ₹2 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। इस फैसले को सरकार द्वारा राजस्व बढ़ाने और बजट घाटे को काबू में रखने के लिए उठाए गए कदम के रूप में देखा जा रहा है। जैसे ही यह नई दरें लागू होंगी, तेल कंपनियां इसका सीधा बोझ उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं। इसका मतलब है कि जल्द ही देशभर में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में इजाफा देखने को मिल सकता है।

महंगाई की मार झेलता आम नागरिक

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें पहले से ही अस्थिर बनी हुई हैं। ऐसे में केंद्र सरकार का यह निर्णय आम नागरिकों के लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ बन सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो रोजाना निजी वाहन से यात्रा करते हैं या परिवहन क्षेत्र में कार्यरत हैं। हर दिन की यात्रा अब पहले से महंगी हो सकती है, और ट्रांसपोर्ट लागत बढ़ने का सीधा असर वस्तुओं की कीमतों पर भी पड़ सकता है।

सरकार की दलील: आर्थिक मजबूती की ओर एक कदम

सरकार का कहना है कि इस बढ़ोतरी से देश की वित्तीय स्थिति और मजबूत होगी। जो अतिरिक्त राजस्व इकट्ठा होगा, उसे बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य विकास परियोजनाओं में निवेश किया जा सकेगा। यह तर्क है कि यदि देश की अर्थव्यवस्था को स्थायित्व और विकास की ओर ले जाना है, तो कुछ न कुछ बलिदान आवश्यक है।

विशेषज्ञों की राय: अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों पर निर्भर असर

वित्तीय और ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय का वास्तविक प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि आने वाले महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कैसी रहती हैं। यदि कीमतें स्थिर बनी रहती हैं, तो घरेलू स्तर पर प्रभाव सीमित हो सकता है। लेकिन यदि कीमतों में वृद्धि होती है, तो यह मुद्रास्फीति को और बढ़ा सकती है, जिससे पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ेगा।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का गणित

भारत में ईंधन की कीमतें केवल अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की दरों पर नहीं बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए टैक्स पर भी निर्भर करती हैं। पेट्रोल पर केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क के रूप में ₹33 प्रति लीटर तक वसूलती है, जबकि डीजल पर भी भारी शुल्क लिया जाता है। इसके बाद राज्य सरकारें वैट और उपकर जैसे स्थानीय टैक्स लगाती हैं, जिससे कुल कीमत तीन गुना तक हो जाती है।

पिछले वर्षों में टैक्स घटाने की पहल

मई 2022 में सरकार ने आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से पेट्रोल पर ₹8 और डीजल पर ₹6 प्रति लीटर की कटौती की थी। इसके बावजूद टैक्स का बोझ आज भी भारी है और कीमतें वैश्विक औसत से कहीं अधिक बनी हुई हैं।

वर्तमान कीमतें: शहरों के अनुसार तुलना

नई दिल्ली: पेट्रोल ₹94.72, डीजल ₹87.62 प्रति लीटर

मुंबई: पेट्रोल ₹104.21, डीजल ₹92.15 प्रति लीटर

कोलकाता: पेट्रोल ₹103.94, डीजल ₹90.76 प्रति लीटर

चेन्नई: पेट्रोल ₹100.75, डीजल ₹92.34 प्रति लीटर

इन आंकड़ों से साफ है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें न केवल केंद्र सरकार की नीतियों पर बल्कि राज्य सरकारों के टैक्स ढांचे पर भी निर्भर करती हैं।


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