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हम जो तेल अपने खाने में इस्तेमाल करते हैं, वह हमारी सेहत पर गहरा असर डालता है। हाल ही में अमेरिकी सरकार द्वारा किए गए एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि कुछ खाद्य तेल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं, खासकर युवा लोगों के लिए यह खतरा अधिक हो सकता है।
कौन से तेल हो सकते हैं नुकसानदायक?
मेडिकल जर्नल GUT में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया कि सूरजमुखी, अंगूर के बीज, कैनोला और मकई के तेल का अधिक सेवन करने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, यह ज़रूरी है कि हम अपने खाने के तेल का चुनाव सोच-समझकर करें।
शोध में क्या मिला?
अध्ययन में 80 कोलन कैंसर रोगियों पर शोध किया गया, जिनमें बायोएक्टिव लिपिड (शरीर में मौजूद एक प्रकार का वसायुक्त तत्व) का स्तर अधिक पाया गया। वैज्ञानिकों ने देखा कि बीज के तेलों के टूटने की वजह से इन लिपिड्स का स्तर बढ़ सकता है, जिससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
इस शोध में 30 से 85 वर्ष की आयु के 81 ट्यूमर नमूनों की भी जांच की गई। कैंसरग्रस्त ट्यूमरों में लिपिड के उच्च स्तर की मुख्य वजह बीज के तेल को माना गया।
पहले भी मिले हैं नुकसानदायक प्रभाव
यह पहली बार नहीं है जब बीजों से बने तेलों को सेहत के लिए हानिकारक बताया गया हो। इससे पहले भी कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि ये तेल शरीर में सूजन बढ़ाते हैं, जिससे कैंसर का खतरा अधिक हो सकता है। इन तेलों में मौजूद जैवसक्रिय लिपिड्स (Bioactive Lipids) न केवल ट्यूमर बनने में भूमिका निभाते हैं, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कमजोर कर सकते हैं। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध किया जा रहा है।
तो हमें कौन-सा तेल इस्तेमाल करना चाहिए?
अगर आप अपनी सेहत को लेकर सतर्क हैं, तो आपको सही तेल का चुनाव करना चाहिए। कुछ बेहतर विकल्प इस प्रकार हैं:
- जैतून का तेल (Olive Oil): यह सेहतमंद विकल्पों में से एक है और खाना पकाने के लिए अच्छा माना जाता है।
- नारियल तेल (Coconut Oil): अगर आप खाने में हल्का स्वाद और सुगंध पसंद करते हैं, तो यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
- तिल का तेल (Sesame Oil): खासतौर पर पारंपरिक व्यंजनों में उपयोग के लिए यह बेहतरीन होता है।
- मूंगफली और सोयाबीन का तेल: तलने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।