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मछली प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है और इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन डी, विटामिन बी2 जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। डॉक्टर भी मछली खाने की सलाह देते हैं क्योंकि यह हृदय और मस्तिष्क के लिए फायदेमंद मानी जाती है।
हालांकि, एक अध्ययन में यह सामने आया है कि अधिक मात्रा में मछली खाने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय के NIH-AARP डाइट एंड हेल्थ स्टडी के अनुसार, अधिक मछली खाने से त्वचा कैंसर (मेलेनोमा) का खतरा बढ़ सकता है। इस शोध में 4,91,367 लोगों को शामिल किया गया था, जिनमें से कुछ में यह समस्या देखी गई।
क्या मछली खाने से कैंसर का खतरा बढ़ता है?
कैंसर विशेषज्ञ डॉ. नीति रायजादा के अनुसार, मछली खाने से हर व्यक्ति में मेलेनोमा (त्वचा कैंसर) का खतरा बढ़ता है, इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। लेकिन यह भी सच है कि मछली का अधिक सेवन त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।
- यह मछली के प्रकार, उसके पकाने की विधि और पर्यावरणीय कारकों पर निर्भर करता है।
- उबली हुई मछली स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है, जबकि तली हुई मछली हानिकारक साबित हो सकती है।
- मछली को तेल में तलने से उसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा कम हो जाती है, जिससे इसके स्वास्थ्य लाभ घट जाते हैं।
डॉक्टरों की सलाह :
रोजाना मछली खाने से बचें।
हर 15 दिन में एक बार मछली खाना स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।
तली हुई मछली की जगह उबली या ग्रिल्ड मछली का सेवन करें।
मछली खाने के संभावित नुकसान
1. समुद्री भोजन से एलर्जी का खतरा
- मछली एक समुद्री भोजन है, और कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है।
- खराब या दूषित मछली खाने से खुजली, लाल धब्बे और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- मछली खरीदने और खाने से पहले उसकी ताजगी और गुणवत्ता की जांच करना आवश्यक है।
2. पीसीबी (पॉलीक्लोरोबाइफिनाइल) का स्तर बढ़ सकता है
- अधिक मछली खाने से शरीर में पीसीबी का स्तर बढ़ सकता है।
- पीसीबी (Polychlorinated Biphenyls) एक रासायनिक तत्व है, जो मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
- यह याददाश्त कमजोर करने और भूलने की बीमारी (Alzheimer’s) का खतरा बढ़ा सकता है।
3. मछली की तासीर और त्वचा पर प्रभाव
- मछली की तासीर गर्म और तीखी मानी जाती है।
- अधिक मात्रा में मछली खाने से त्वचा में जलन, मुंहासे और रैशेज हो सकते हैं।
- जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील (Sensitive Skin) होती है, उन्हें मछली का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान मछली खाना सुरक्षित है या नहीं?
- गर्भावस्था के दौरान अधिक मछली खाना हानिकारक हो सकता है।
- कुछ प्रकार की मछलियों में पारा (Mercury) की मात्रा अधिक होती है, जो गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है।
- अधिक मछली खाने से गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को हल्की मछलियों का सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए और पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
क्या आपको मछली खाना पूरी तरह छोड़ देना चाहिए?
नहीं, लेकिन इसे संतुलित मात्रा में खाना जरूरी है।
अच्छी तरह पकी हुई और ताजी मछली खाने से स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
प्रति सप्ताह 1-2 बार उबली या ग्रिल्ड मछली खाना बेहतर विकल्प हो सकता है।
यदि आपको एलर्जी, हृदय रोग या त्वचा संबंधी समस्या हो, तो मछली खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।