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Stomach cancer :  पेट का कैंसर, जिसे गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है, तब होता है जब पेट की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। यह कैंसर पेट के किसी भी हिस्से में हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह गैस्ट्रोएसोफेगल जंक्शन (जहां भोजन की नली पेट से मिलती है) में शुरू होने की अधिक संभावना होती है।

आजकल अनियमित खान-पान, खराब जीवनशैली और अन्य जोखिम कारकों के कारण पेट के कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यह बीमारी शुरू में मामूली लक्षणों के रूप में प्रकट होती है, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर शुरुआती संकेतों पर ध्यान दिया जाए, तो इसे समय रहते पहचाना और इलाज किया जा सकता है।

पेट के कैंसर के लक्षण

पेट के कैंसर की पहचान शुरुआती चरण में करना मुश्किल होता है, क्योंकि इसके लक्षण अन्य सामान्य पेट की समस्याओं से मिलते-जुलते होते हैं। हालांकि, अगर ये लक्षण लगातार बने रहें, तो इन्हें अनदेखा नहीं करना चाहिए।

1. पेट में लगातार दर्द और सूजन

  • पेट के कैंसर का पहला संकेत लगातार पेट दर्द और सूजन हो सकता है।
  • बिना किसी स्पष्ट कारण के अगर पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द बना रहता है, तो सतर्क हो जाना चाहिए।
  • जैसे-जैसे ट्यूमर का आकार बढ़ता है, वैसे-वैसे दर्द भी बढ़ता जाता है।
  • अगर यह समस्या बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।

2. पेट फूलना और भारीपन महसूस होना

  • अनुचित खान-पान और गैस की समस्या के कारण पेट फूल सकता है, लेकिन अगर सूजन लंबे समय तक बनी रहे, तो यह पेट के कैंसर का संकेत हो सकता है।
  • अगर खाने के बाद हमेशा पेट भरा हुआ महसूस होता है और सामान्य से अधिक भारीपन महसूस होता है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
  • सूजन का सही कारण जानने के लिए चिकित्सीय परामर्श आवश्यक है।

3. पेट में जलन और एसिडिटी

  • लगातार सीने में जलन, पेट में एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं भी कैंसर की प्रारंभिक चेतावनी हो सकती हैं।
  • पेट का कैंसर पाचन तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स और पेट में जलन की समस्या होती है।
  • अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है और दवाओं से आराम नहीं मिलता, तो विशेषज्ञ से जांच करवानी चाहिए।

4. मतली और उल्टी आना

  • बार-बार जी मिचलाना, उल्टी आना और भूख न लगना भी पेट के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
  • जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, वैसे-वैसे पाचन प्रक्रिया बिगड़ने लगती है, जिससे अत्यधिक मतली और उल्टी हो सकती है।
  • अगर यह समस्या लगातार बनी रहे, तो इसे गंभीरता से लेना जरूरी है।

पेट के कैंसर के कारण और जोखिम कारक

कुछ कारक पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इनमें प्रमुख हैं:

 अस्वस्थ आहार: अधिक मसालेदार, जले हुए, तले हुए और प्रोसेस्ड फूड का सेवन।
धूम्रपान और शराब: नियमित रूप से धूम्रपान और शराब का सेवन करने वालों में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
 हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण: यह बैक्टीरिया पेट की दीवार को नुकसान पहुंचाता है और अल्सर व कैंसर का कारण बन सकता है।
पारिवारिक इतिहास: अगर परिवार में किसी को पेट का कैंसर हो चुका है, तो इसका खतरा अधिक होता है।
 मोटापा और शारीरिक गतिविधियों की कमी: अस्वस्थ जीवनशैली भी कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है।

समय पर पहचान और रोकथाम के उपाय

अगर शुरुआती लक्षणों को पहचाना जाए और समय पर उपचार शुरू किया जाए, तो पेट के कैंसर से बचाव संभव है।

 स्वस्थ आहार अपनाएं: हरी सब्जियां, फल और फाइबर युक्त भोजन को अपने आहार में शामिल करें।
धूम्रपान और शराब से बचें: इन आदतों को छोड़ना कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।
 समय-समय पर जांच कराएं: अगर परिवार में कैंसर का इतिहास है या लंबे समय से पेट संबंधी समस्या बनी हुई है, तो गैस्ट्रोस्कोपी और अन्य टेस्ट करवाएं।
हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण का इलाज करें: यह बैक्टीरिया कैंसर का एक प्रमुख कारण है, इसलिए इसे समय रहते खत्म करना आवश्यक है।