
Rahul Gandhi Speech : अहमदाबाद में आयोजित कांग्रेस के एक महत्वपूर्ण अधिवेशन के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और मौजूदा दिशा पर खुलकर बात की। उन्होंने याद दिलाया कि महात्मा गांधी ने आज से करीब 100 साल पहले कांग्रेस पार्टी की कमान संभाली थी और 150 साल पहले सरदार पटेल का जन्म हुआ था। दोनों नेता न केवल कांग्रेस की नींव रहे हैं, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के मजबूत स्तंभ भी थे। राहुल गांधी ने यह साफ किया कि कांग्रेस पार्टी की आत्मा पिछड़े, वंचित और दलित वर्गों की आवाज़ उठाने में है, और वही परंपरा आज भी जारी है।
जाति जनगणना की मांग को बताया ऐतिहासिक कदम
तेलंगाना में जाति आधारित जनगणना को क्रांतिकारी कदम बताते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह जानना जरूरी है कि देश में किस वर्ग की कितनी हिस्सेदारी है। उन्होंने बताया कि संसद में उन्होंने स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह मांग रखी थी कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना कराई जाए। उनका तर्क था कि जब तक देश को यह पता नहीं होगा कि दलित, पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों की संख्या क्या है, तब तक नीति निर्माण में संतुलन नहीं आ सकता।
केंद्र सरकार पर लगाया ‘जाति जनगणना से बचने’ का आरोप
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) जातिगत जनगणना से बचना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इसे लगातार छिपा रही है और पारदर्शिता से बच रही है। कांग्रेस नेता ने साफ तौर पर एलान किया कि चाहे केंद्र सरकार इस मुद्दे पर पीछे हटे, लेकिन कांग्रेस इसे लेकर पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश में 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को चुनौती देगी और उसे पार कर सामाजिक न्याय को व्यापक बनाएगी।
तेलंगाना मॉडल को पूरे देश में लागू करने का वादा
राहुल गांधी ने इस बात पर भी जोर दिया कि कांग्रेस ने तेलंगाना में जो कदम उठाया है, वही मॉडल दिल्ली से लेकर देश के हर हिस्से में लागू किया जाएगा। उनका इशारा था कि सामाजिक न्याय, समानता और भागीदारी को मजबूत करने के लिए कांग्रेस पार्टी पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
विदेश नीति पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का सिर झुका देते हैं। उन्होंने बांग्लादेश मामले का जिक्र करते हुए कहा कि वहां के बयानबाज़ी के बाद भी पीएम मोदी चुप्पी साधे रहते हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ट्रंप ने पीएम मोदी से दो टूक कहा था कि अब वह गले नहीं मिलेंगे, बल्कि टैरिफ (शुल्क) लगाएंगे। इस पर तंज कसते हुए राहुल ने पूछा, "56 इंच का सीना अब कहां गया?"
वक्फ कानून पर जताई आपत्ति
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के नए वक्फ कानून को धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया। उन्होंने कहा कि यह कानून न केवल धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को प्रभावित करता है, बल्कि भारत के संविधान के मूल सिद्धांतों के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि ऐसी नीतियां केवल भाजपा और आरएसएस की विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए लाई जा रही हैं, जिससे भारत की विविधता और धर्मनिरपेक्षता कमजोर हो रही है।
आरएसएस पर सीधा निशाना, संविधान की रक्षा का संकल्प
राहुल गांधी ने कहा कि केवल वही राजनीतिक पार्टी और संगठन बीजेपी और आरएसएस का मुकाबला कर सकते हैं जिनकी विचारधारा मजबूत हो और जिन्होंने इतिहास में उनके खिलाफ संघर्ष किया हो। उन्होंने कांग्रेस के संघर्ष का हवाला देते हुए बताया कि पार्टी ने न केवल अंग्रेजों से, बल्कि आरएसएस की कट्टरपंथी सोच से भी लड़ाई लड़ी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के संविधान में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति आरएसएस से होने चाहिए।
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