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जीभ के संकेत हृदय रोग के लिए: आजकल हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। खराब जीवनशैली, अस्वास्थ्यकर खान-पान की आदतें हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को जन्म दे रही हैं। जिससे हृदय पर असर पड़ता है। कोलेस्ट्रॉल एक चिपचिपा, मोम जैसा पदार्थ है जो खान-पान की गलत आदतों के कारण शरीर में जमा हो जाता है।

बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल धमनियों में प्लाक का निर्माण कर सकता है, जो रक्त परिसंचरण को अवरुद्ध कर सकता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल से दिल का दौरा और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से शरीर में कई लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इनमें पसीना आना, थकान, कमजोरी, भूख न लगना और जीभ के रंग में बदलाव शामिल हैं। आइए जानें जीभ पर कौन सा निशान दिल के खतरे के बारे में आगाह करता है।

जीभ पर यह निशान सावधान रहने की चेतावनी देता है

मेडिकल जर्नल 'फ्रंटियर्स इन मेडिसिन' के अनुसार, गहरे बैंगनी रंग की जीभ और बढ़ी हुई सब्लिंगुअल नस रक्त में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के संकेत हैं। डॉक्टरों के मुताबिक सब्लिंगुअल नसें काली, मुड़ी हुई और मोटी होती हैं। ऐसे संकेत दिखते ही सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि ये दिल की सेहत को बिगाड़ सकते हैं।

जीभ पर खून का थक्का जमना भी खतरनाक होता है

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, जीभ पर खून का थक्का जमना भी हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत है। जब रक्त रक्त वाहिका के माध्यम से ठीक से प्रवाहित नहीं हो पाता है, तो यह धीमा हो जाता है और अवरुद्ध हो जाता है, जिससे वाहिकाओं या नसों में दबाव बढ़ जाता है, जिससे दिल का दौरा भी पड़ सकता है। इससे कई अन्य हृदय रोग भी हो सकते हैं।

जीभ के रंग और बीमारियों के बीच क्या संबंध है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में बैंगनी जीभ का मतलब है कि शरीर में रक्त संचार ठीक से नहीं हो रहा है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ रहा है। जीभ का बदलता रंग यह चेतावनी देता है कि रक्त शरीर के ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। जीभ का गहरा लाल रंग रक्त में ऑक्सीजन की कमी का संकेत है।

डिस्क्लेमर : खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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