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Makar Sankranti : मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति से ऋतु परिवर्तन प्रारंभ हो जाता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में यह त्यौहार स्थानीय मान्यताओं के अनुसार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

मकर संक्रांति के दिन ही उत्तरायण का सूर्य उदय होता है। इस दिन दान और दक्षिणा का विशेष महत्व है। इस दिन देशभर में पतंग उड़ाने की भी परंपरा है। कुछ स्थानों पर इस दिन पतंग उड़ाने की बड़ी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। आइए जानते हैं इस दिन पतंगें क्यों उगाई जाती हैं।

मकर संक्रांति के दिन पतंग क्यों उड़ाई जाती है ?

मकर संक्रांति के दिन पूरे देश में पतंगें उड़ाई जाती हैं, इसलिए इस दिन को पतंग महोत्सव भी कहा जाता है। संक्रांति पर पतंग उड़ाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। तमिल तन्ना रामायण के अनुसार, पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्री राम ने शुरू की थी। मकर संक्रांति के दिन भगवान राम ने जो पतंग उड़ाई थी वह इंद्रलोक तक पहुंच गई थी। यही कारण है कि इस दिन पतंगें उड़ाई जाती हैं।

पतंग उड़ाने का संदेश

पतंग को खुशी, स्वतंत्रता और शुभता का प्रतीक माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाकर एक-दूसरे को खुशी का संदेश दिया जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य की किरणें शरीर के लिए अमृत के समान मानी जाती हैं। इससे विभिन्न रोग दूर हो जाते हैं।

ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने से आप सूर्य की अधिक किरणों को अवशोषित कर पाते हैं, शरीर को ऊर्जा मिलती है और विटामिन डी की कमी दूर होती है।

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