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सूखे पान के पत्ते का उपयोग भोजन में किया जाता है, इसकी सुगंध बहुत तेज़ होती है। तेज पत्ते एंटीऑक्सीडेंट और कई विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। इमली में पोटैशियम, कैल्शियम, सेलेनियम, आयरन और कॉपर होता है।

भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाले मसालों का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है। गरम मसाले में इस्तेमाल होने वाली इमली की पत्तियां मधुमेह को नियंत्रित करने में फायदेमंद साबित होती हैं।

सूखे पान के पत्ते का उपयोग भोजन में किया जाता है, इसकी सुगंध बहुत तेज़ होती है। तेज पत्ते एंटीऑक्सीडेंट और कई विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। इमली में पोटैशियम, कैल्शिम, सेलेनियम, आयरन और कॉपर होता है।

इसके सेवन से पुरानी शुगर को भी कम करने में मदद मिलती है। पान के पत्तों के नियमित सेवन से क्रोनिक डायबिटीज को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

तेज पत्ता पेट की समस्याओं जैसे दर्द, कब्ज, एसिडिटी और ऐंठन को कम करता है। गुर्दे की पथरी में भी पान के पत्ते का पानी पीने की सलाह दी जाती है।

अनिद्रा की समस्या में पान के पत्ते के तेल की कुछ बूंदें पानी में मिलाकर पीने से भी फायदा होता है। पान के पत्ते के तेल से मालिश करने से भी जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।

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