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एचआईवी संक्रमण वैक्सीन : एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि महिलाओं को घातक एड्स या एचआईवी संक्रमण से बचाने के लिए साल में दो बार लगाया जाने वाला टीका अपने परीक्षणों में 100 प्रतिशत सफल रहा है। इसका मतलब है कि अब एचआईवी संक्रमण को इंजेक्शन से रोका जा सकता है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि साल में दो बार दिए जाने वाले इस इंजेक्शन की मदद से महिलाओं को एचआईवी संक्रमण से बचाने में मदद मिलेगी. आपको बता दें कि वैज्ञानिकों ने दक्षिण अफ्रीका और युगांडा में महिलाओं और किशोरों पर इस इंजेक्शन का परीक्षण किया, जो 100 प्रतिशत सफल रहा।

यह दवा एचआईवी संक्रमण को रोकने में 100 प्रतिशत प्रभावी है ।

इस इंजेक्शन का परीक्षण दक्षिण अफ्रीका और युगांडा में 5 हजार से ज्यादा महिलाओं पर किया गया, जो काफी सफल रहा, न्यू इंग्लैंड जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में अमेरिकी कंपनी गिलियड ने कहा कि इस दवा का नाम लेनकापाविर है और यह उसकी तीसरी दवा है. परीक्षणों में पूरी तरह सफल साबित हुआ है।

कंपनी ने कहा है कि एचआईवी दवा के इस्तेमाल की अनुमति मांगने से पहले वह पुरुषों पर परीक्षण के नतीजों का इंतजार कर रही है। आपको बता दें कि दवा की सफलता को मापने के लिए किए गए एक अध्ययन में लगभग पांच हजार एचआईवी नेगेटिव महिलाओं पर अध्ययन किया गया। इस दवा को लेने के बाद इनमें से कोई भी महिला एचआईवी का शिकार नहीं हुई।

26 हफ्ते की स्टडी में यह बात सामने आई है

26 सप्ताह तक चले अध्ययन में, जिन महिलाओं को लेंकैपाविर की खुराक दी गई, उनमें से किसी में भी संक्रमण नहीं हुआ, जबकि एक अन्य समूह, जिसमें महिलाओं को दवा नहीं दी गई थी, में संक्रमण के मामले सामने आए। इससे पहले एक अन्य अध्ययन में महिलाओं के एक समूह को एचआईवी से बचाव की गोलियाँ दी गई थीं, लेकिन इन गोलियाँ लेने के बावजूद 2% महिलाएँ एचआईवी की शिकार हो गईं। हालाँकि इस दवा को अभी तक अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि इसे जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी और इससे एचआईवी संक्रमण को रोका जा सकता है।

दवा की कीमत भी बहुत कम है

लेंकैपाविर दवा की कीमत भी काफी कम रखी जा रही है. कंपनी का कहना है कि उसका लक्ष्य जल्द ही नई दवा की कीमत घटाकर सिर्फ 40 डॉलर (3350 रुपये) करना है। वर्तमान में, लेंकैपाविर की एक खुराक की कीमत लगभग 35 लाख रुपये है, जो आम जनता के लिए बहुत अधिक है।

कहा जा रहा है कि अगर इस दवा को मंजूरी मिल गई तो महिलाएं बेहद कम कीमत में एचआईवी संक्रमण से बच सकेंगी। इस दवा का परीक्षण पुरुषों पर भी किया जा रहा है और अगर यह परिणाम भी सफल रहा तो दुनिया को एड्स और एचआईवी की चपेट से बचाया जा सकेगा।

डिस्क्लेमर : खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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