img

मस्तिष्क कैंसर के लिए रक्त परीक्षण: मस्तिष्क कैंसर का त्वरित और सटीक निदान हमेशा एक चुनौती रहा है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो केवल एक घंटे में घातक मस्तिष्क कैंसर का निदान कर सकती है। यह नया उपकरण, जिसे अमेरिका में नोट्रे डेम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया है, ग्लियोब्लास्टोमा नामक विशेष रूप से खतरनाक मस्तिष्क कैंसर का त्वरित और सटीक निदान कर सकता है। ग्लियोब्लास्टोमा एक अत्यधिक आक्रामक और वर्तमान में लाइलाज मस्तिष्क कैंसर है, जिसमें औसतन रोगी 12 से 18 महीने तक जीवित रहता है।

ग्लियोब्लास्टोमा क्या है ?

ग्लियोब्लास्टोमा एक कैंसर है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं पर हमला करता है और तेजी से फैलता है। इसके उपचार के सीमित विकल्पों के कारण इसका शीघ्र निदान बहुत महत्वपूर्ण है ताकि रोगी की जीवन प्रत्याशा को बढ़ाया जा सके।

यह डिवाइस कैसे काम करती है ?

"बायोचिप" के साथ विकसित यह स्वचालित उपकरण केवल 60 मिनट में कैंसर का निदान कर सकता है। इस बायोचिप का मूल कई जैविक मार्करों (बायोमार्कर) की पहचान करने के लिए विशेष तकनीक का उपयोग करता है, जैसे सक्रिय एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर्स (ईजीएफआर)। ये ईजीएफआर ग्लियोब्लास्टोमा और अन्य प्रकार के कैंसर में प्रचुर मात्रा में होते हैं और कोशिकाओं द्वारा जारी बाह्य कोशिकीय पुटिकाओं में मौजूद होते हैं।

अध्ययन के प्रमुख लेखक और नोट्रे डेम विश्वविद्यालय में रासायनिक और जैव-आणविक इंजीनियरिंग के प्रोफेसर ह्सुएह चिया चांग कहते हैं, "हमारी तकनीक इन बाह्य कोशिकीय पुटिकाओं के गुणों का शोषण करती है।"

प्रमुख चुनौतियाँ एवं समाधान

शोधकर्ताओं को दो मुख्य चुनौतियों का सामना करना पड़ा: सक्रिय और निष्क्रिय ईजीएफआर के बीच अंतर करना और इस तकनीक को सटीक और विश्वसनीय बनाना। उन्होंने एक छोटा, सस्ता इलेक्ट्रोकेनेटिक सेंसर विकसित करके इन चुनौतियों का समाधान किया। यह सेंसर रक्त के नमूनों में सक्रिय ईजीएफआर का पता लगाता है, जिससे कैंसर की उपस्थिति का संकेत देने के लिए वोल्टेज में परिवर्तन होता है।

डिवाइस की विशेषताएं

इस डिवाइस की खासियत यह है कि यह सस्ता और पोर्टेबल है। प्रत्येक परीक्षण के लिए केवल 100 माइक्रोलीटर रक्त की आवश्यकता होती है और सामग्री की लागत $2 (लगभग 168 रुपये) से कम होती है। इसमें तीन मुख्य भाग होते हैं: एक ऑटोमेशन इंटरफ़ेस, एक पोर्टेबल प्रोटोटाइप मशीन और एक बायोचिप।

अन्य बीमारियों में भी उपयोग की आशा

हालाँकि यह तकनीक विशेष रूप से ग्लियोब्लास्टोमा के लिए विकसित की गई थी, शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि इसका उपयोग अग्नाशय के कैंसर, हृदय रोग, मनोभ्रंश और मिर्गी जैसी अन्य बीमारियों के निदान के लिए भी किया जा सकता है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस नई तकनीक से कैंसर का जल्द निदान हो सकेगा, जिससे रोगियों की जीवन प्रत्याशा में सुधार होगा। डिवाइस का परीक्षण ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में ओलिविया न्यूटन जॉन कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट में सेंटर फॉर रिसर्च इन ब्रेन कैंसर द्वारा प्रदान किए गए रक्त के नमूनों पर किया गया है।

--Advertisement--