
Highest salary hike sector India 2025 : मार्च महीना खत्म होते ही कंपनियों में वार्षिक वेतन समीक्षा की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस साल भी यह सिलसिला जारी है और एक बार फिर कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। ईवाई (EY) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वर्ष 2025 में कर्मचारियों की औसत वेतन वृद्धि 9.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि यह 2024 में दर्ज 9.6 प्रतिशत वृद्धि से थोड़ा कम है, फिर भी इसे एक मजबूत बढ़त माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था कई चुनौतियों से जूझ रही है।
ई-कॉमर्स में सबसे ज्यादा वेतन वृद्धि की उम्मीद
रिपोर्ट में सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को सबसे अधिक वेतन वृद्धि मिलने की संभावना है। वर्ष 2025 में इस क्षेत्र में औसतन 10 प्रतिशत से अधिक की वेतन वृद्धि का अनुमान है। इसकी मुख्य वजह है डिजिटल कॉमर्स का तेजी से फैलाव, उपभोक्ताओं का बढ़ता खर्च और तकनीक का बढ़ता दखल। इन सभी कारणों से ई-कॉमर्स कंपनियों में प्रतिभाशाली कर्मचारियों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे वेतन में प्रतिस्पर्धी बढ़ोतरी करना जरूरी हो गया है।
अन्य प्रमुख सेक्टरों में भी मजबूत वृद्धि
ई-कॉमर्स के अलावा ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल्स, विनिर्माण और वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में भी अच्छी वेतन वृद्धि देखने को मिलेगी। इन क्षेत्रों में कंपनियां न सिर्फ अपने टॉप टैलेंट को बनाए रखने के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने कार्यबल में निवेश जारी रख रही हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि वेतन वृद्धि में दिख रही थोड़ी सी गिरावट के बावजूद, कंपनियों का टैलेंट रिटेंशन पर पूरा ध्यान बना हुआ है।
कर्मचारी कल्याण और लाभों की बढ़ती भूमिका
अब सिर्फ वेतन वृद्धि ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों के समग्र कल्याण पर भी कंपनियां विशेष ध्यान दे रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियां अब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर नए कल्याण कार्यक्रम लागू कर रही हैं। साथ ही, कर्मचारियों की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फ्लेक्सिबल और समावेशी लाभ योजनाओं को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका मकसद है एक सकारात्मक कार्य वातावरण तैयार करना, जिससे कर्मचारी अधिक संतुष्ट और उत्पादक बने रहें।
कुशल पेशेवरों की कमी बनी बड़ी चुनौती
भले ही 2024 में देश की रोजगार दर घटकर 17.5 प्रतिशत रह गई हो, लेकिन इसके बावजूद कंपनियों को कुशल पेशेवरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 80 प्रतिशत कंपनियों को आज भी योग्य और अनुभवी कर्मचारियों की तलाश में संघर्ष करना पड़ रहा है। खासकर आईटी और ऊर्जा जैसे सेक्टरों में यह समस्या और भी गंभीर है।
समाधान के लिए कौशल विकास पर जोर
इस चुनौती से निपटने के लिए कंपनियां अब अपने कर्मचारियों के स्किल अपग्रेडेशन और री-स्किलिंग पर फोकस कर रही हैं। विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से कर्मचारियों की क्षमताओं को और बेहतर बनाया जा रहा है ताकि वे भविष्य की जरूरतों को पूरा कर सकें। ये पहल न केवल स्किल गैप को कम करती हैं बल्कि कर्मचारियों को दीर्घकालिक रूप से कंपनी से जोड़े रखने में भी मदद करती हैं।