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Earthquake in Nepal : इन दिनों धरती की हलचल बढ़ गई है। हर दिन किसी न किसी देश से भूकंप की खबरें आ रही हैं। ऐसा लग रहा है जैसे प्रकृति बार-बार चेतावनी दे रही हो। हाल ही में पापुआ न्यू गिनी, नेपाल, भारत, इंडोनेशिया, जापान और म्यांमार जैसे देशों में भूकंप दर्ज किए गए हैं। आइए जानें कि कहां-कहां आया भूकंप और इसका क्या असर रहा।

नेपाल और भारत में सुबह-सुबह धरती हिली

आज सुबह नेपाल और भारत के लद्दाख क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल में इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5 मापी गई, जबकि लद्दाख में 3.6 की तीव्रता दर्ज हुई। भले ही इन भूकंपों से जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लगातार आ रहे झटकों से लोगों के मन में डर बैठ गया है। खासकर लद्दाख जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में लोग अब पहले से अधिक सतर्क हो गए हैं।

पापुआ न्यू गिनी में आया था बड़ा भूकंप

इससे एक दिन पहले रात को पापुआ न्यू गिनी में लगभग 7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। इसकी वजह से वहां सुनामी की चेतावनी तक जारी कर दी गई थी। हालांकि अभी तक किसी बड़ी हानि की सूचना नहीं मिली है, लेकिन इस प्रकार के भूकंप आने से हमेशा भय बना रहता है।

दिल्ली-एनसीआर में भी कांपी ज़मीन

कल रात दिल्ली और एनसीआर के लोगों ने भी धरती को कांपते हुए महसूस किया। रात करीब 7:52 बजे यह भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 5 मापी गई। इसका केंद्र नेपाल में, जमीन से 20 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप के झटके इतने तीव्र थे कि लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकलकर सड़कों पर आ गए। हालांकि कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन डर का माहौल बन गया।

जापान और इंडोनेशिया में भी कंपन

इसी हफ्ते जापान में 6 तीव्रता और इंडोनेशिया में भी मध्यम तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। जापान में भूकंप-रोधी तकनीक काफी विकसित है, इसलिए नुकसान सीमित रहा। लेकिन इंडोनेशिया में खतरा ज्यादा था। इन भूकंपों से यह साफ हो गया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र इस वक्त ज़्यादा भूकंपीय गतिविधियों से गुजर रहा है।

28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में भारी तबाही

28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप ने बड़ा नुकसान किया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7 से 8 के बीच थी। कई इमारतें जमींदोज हो गईं और हजारों लोगों की जान चली गई। सोशल मीडिया पर इसके वीडियो वायरल हो गए, जिसमें ध्वस्त इमारतों और लोगों की चीख-पुकार साफ देखी जा सकती है।

भविष्य की तैयारी ज़रूरी

इन घटनाओं से यह स्पष्ट हो जाता है कि हमें प्राकृतिक आपदाओं के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए। भूकंप रोधी निर्माण तकनीक अपनानी चाहिए, भूकंप के समय क्या करना है—इसकी जानकारी सभी को होनी चाहिए। सरकार और स्थानीय प्रशासन को भी आपातकालीन व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने की ज़रूरत है।

क्या है समाधान?

भूकंप पूरी तरह रोके नहीं जा सकते, लेकिन उनसे होने वाले नुकसान को कम जरूर किया जा सकता है। इसके लिए मजबूत इमारतें, आपदा प्रबंधन की बेहतर योजनाएं और आम लोगों की जागरूकता सबसे जरूरी हथियार हैं।