
EPS Limit ₹21000 Update : कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) से जुड़े करोड़ों कर्मचारियों के लिए एक राहतभरी खबर सामने आ सकती है। सरकार EPFO से जुड़े नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव पर विचार कर रही है, जो सीधे तौर पर वेतन सीमा को प्रभावित करेगा। वर्तमान में EPFO में योगदान की गणना 15,000 रुपये के अधिकतम मूल वेतन के आधार पर की जाती है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि यह सीमा जल्द ही 21,000 रुपये तक बढ़ाई जा सकती है।
मौजूदा नियम क्या हैं?
EPF और EPS योजनाओं के अंतर्गत अभी वे कर्मचारी आते हैं जिनका मूल वेतन 15,000 रुपये या उससे कम है। ऐसे कर्मचारियों का और उनके नियोक्ता का 12-12 प्रतिशत वेतन EPF खाते में जमा होता है। इसमें से नियोक्ता के योगदान का 8.33 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा फिलहाल 1,250 रुपये प्रति माह है।
नया प्रस्ताव: क्या बदलेगा?
अगर सरकार वेतन सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये कर देती है, तो इससे EPFO के दायरे में अधिक कर्मचारी आ जाएंगे। EPS में अधिक राशि जमा होने का भी रास्ता खुलेगा। नए प्रस्ताव के मुताबिक EPS में नियोक्ता का योगदान बढ़कर 1,749 रुपये हो सकता है, जो मौजूदा 1,250 रुपये से काफी ज्यादा होगा।
कर्मचारियों को होगा क्या फायदा?
इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन की राशि में इजाफा होगा। ज्यादा योगदान का मतलब है ज्यादा जमा और अंत में बेहतर पेंशन। हालांकि, इसका दूसरा पहलू यह है कि पीएफ की कटौती बढ़ने से कर्मचारियों का हाथ में आने वाला वेतन (नेट इन हैंड सैलरी) थोड़ा कम हो सकता है। लेकिन यह थोड़ी सी कटौती भविष्य के लिए एक मजबूत निवेश मानी जा सकती है।
सरकार की ओर से क्या संकेत मिले हैं?
हालांकि, अभी तक इस पर सरकार या EPFO की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस पर गंभीरता से विचार चल रहा है और जल्द ही कोई ठोस फैसला लिया जा सकता है। लंबे समय से श्रमिक संगठनों की यह मांग रही है कि वेतन सीमा बढ़ाई जाए, जिससे ज्यादा कर्मचारी इस योजना का लाभ उठा सकें।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
मुद्रास्फीति के हिसाब से: महंगाई लगातार बढ़ रही है और 15,000 रुपये की सीमा अब काफी पुरानी हो चुकी है।
बढ़ते वेतनमान: प्राइवेट सेक्टर में शुरुआती वेतन भी कई बार इस सीमा से ऊपर होता है, जिससे नए कर्मचारी EPF से बाहर हो जाते हैं।
सामाजिक सुरक्षा: ज्यादा लोगों को EPF के दायरे में लाने से उनकी सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी।