
Convert NPS to UPS : पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के नियमों की घोषणा के साथ सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ा विकल्प प्रदान किया है। अब NPS से UPS में स्विच करना कहीं ज्यादा आसान हो गया है। इस बदलाव का उद्देश्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सुनिश्चित पेंशन, सरकारी अंशदान और निवेश में लचीलापन देना है।
स्विच की प्रक्रिया अब ऑनलाइन उपलब्ध
केंद्र सरकार के कर्मचारी अब आधिकारिक CRA पोर्टल के माध्यम से UPS में आसानी से स्थानांतरण कर सकते हैं। इच्छुक कर्मचारी npscra.nsdl.co.in/ups.php वेबसाइट पर जाकर या एक फॉर्म भरकर भौतिक रूप से भी आवेदन जमा कर सकते हैं। इससे रिटायरमेंट प्लानिंग में पारदर्शिता और सुविधा दोनों बढ़ेगी।
UPS क्या है और यह क्यों खास है?
एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को खासतौर पर उन केंद्रीय कर्मचारियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है जो अभी तक NPS के तहत थे। UPS में पेंशन एक तय फॉर्मूले के अनुसार मिलेगी, जिससे कर्मचारी अपनी रिटायरमेंट के समय वित्तीय रूप से ज्यादा सुरक्षित रहेंगे।
कब से लागू होगी यह योजना?
PFRDA ने UPS के सभी नियम तय कर दिए हैं और यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू हो चुकी है। लगभग 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी इस नई योजना का लाभ ले सकते हैं।
किन्हें मिलेगा UPS का लाभ?
UPS का लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा जिन्होंने 10 से 25 वर्षों तक की सेवा दी है। इन कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के अनुपात में पेंशन मिलेगी। जिन लोगों ने कम से कम 10 साल की सेवा पूरी की है, उन्हें ₹10,000 प्रति माह की न्यूनतम पेंशन मिलेगी। इससे कम सेवा करने वालों के लिए भी उचित गणना आधारित लाभ सुनिश्चित किया गया है।
योगदान और निवेश की प्रक्रिया
UPS के तहत कर्मचारियों को उनके मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% योगदान करना होगा। सरकार भी उतनी ही राशि का अंशदान करेगी। इस प्रकार कुल वेतन का 20% निवेश के रूप में शामिल होगा। इस निवेश को सरकार द्वारा चुनी गई योजनाएं संभालेंगी, लेकिन कर्मचारियों को यह अधिकार होगा कि वे अपना पेंशन फंड मैनेजर निजी विकल्पों में से चुन सकें।
जीवनसाथी के लिए भी सुरक्षा
UPS के तहत केवल कर्मचारी ही नहीं, बल्कि उनके जीवनसाथी को भी लाभ मिलेगा। पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर उनके जीवनसाथी को पेंशन का 60% मिलेगा, जिससे परिवार की वित्तीय स्थिरता बनी रहेगी।
नामांकन कैसे करें?
1 अप्रैल 2025 से पात्र कर्मचारी CRA पोर्टल पर जाकर नामांकन कर सकते हैं। नामांकन और दावा फॉर्म दोनों इलेक्ट्रॉनिक रूप से जमा किए जा सकते हैं, जिससे प्रक्रिया तेज और आसान हो जाएगी।
पेंशन की गणना कैसे होगी?
UPS के तहत पेंशन का निर्धारण सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50% के आधार पर किया जाएगा। हालांकि, यह लाभ तभी मिलेगा जब कर्मचारी ने कम से कम 25 साल की सेवा पूरी की हो। मृत्यु की स्थिति में पेंशन का 60% उनके परिवार को मिलेगा। न्यूनतम ₹10,000 की गारंटी दी गई है, यदि सेवा अवधि 10 वर्षों से अधिक हो।
रिटायरमेंट के बाद निकासी की व्यवस्था
रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को म्यूचुअल फंड की तरह एक व्यवस्थित निकासी योजना (SWP) के तहत पेंशन दी जाएगी। अगर उनकी जमा पूंजी समाप्त हो जाती है, तो बाकी की राशि सरकार द्वारा दी जाएगी, जिससे उनका जीवन निर्वाह बिना बाधा के चलता रहेगा।
राज्यों के लिए क्या विकल्प हैं?
हालांकि यह योजना फिलहाल केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है, लेकिन राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों के लिए UPS को अपनाने पर विचार कर सकती हैं। यह उनके कर्मचारियों के लिए भी एक मजबूत रिटायरमेंट विकल्प बन सकता है।