कामिका एकादशी 2024 : हर साल आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के दूसरे दिन कामिका एकादशी मनाई जाती है। यह त्यौहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। कामिका एकादशी व्रत 31 जुलाई को रखा जाएगा।
पुराणों में कहा गया है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली इस एकादशी पर भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते चढ़ाने से जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन तीर्थयात्रा, स्नान और दान से बहुत पुण्य मिलता है।
कामिका एकादशी का महत्व
कामिका एकादशी व्रत की कथा सुनना यज्ञ करने के समान है। इस व्रत के बारे में ब्रह्माजी ने देवर्षि नारद को बताया कि जो लोग पाप से डरते हैं उन्हें कामिका एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। पापों को नष्ट करने के लिए एकादशी के व्रत से बढ़कर कोई उपाय नहीं है। भगवान ने स्वयं कहा है कि कामिका व्रत के प्रभाव से कोई भी प्राणी कुयोनि में जन्म नहीं लेता। जो लोग इस एकादशी के दिन भक्तिपूर्वक भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते चढ़ाते हैं वे इन सभी पापों से दूर रहते हैं।
इस एकादशी की कथा सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है
कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु की शंख, चक्र और गदा से पूजा की जाती है। भीष्म पितामह ने नारदजी को इस एकादशी का महत्व बताया है। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य इस एकादशी पर धूप, दीप, नैवेद्य आदि से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं उन्हें गंगा स्नान से भी उत्तम फल मिलता है। इस एकादशी की कथा सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है।
भीष्म कहते हैं कि व्यतिपात योग में तथा सूर्य एवं चन्द्र ग्रहण के समय गंडकी नदी में स्नान करने से उतना ही पुण्य मिलता है। सावन के महीने में आने वाली कामिका एकादशी पर इस दिन भगवान विष्णु की तुलसी के पत्तों से पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने और पूजा करने की भी परंपरा है।
कामिका एकादशी का शुभ योग
कामिका एकादशी पर ध्रुव योग बन रहा है. इस योग का संयोग दोपहर 02:14 बजे तक है। ज्योतिषी ध्रुव योग को बहुत शुभ मानते हैं।
इस योग में भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शुभ कार्यों में भी सफलता मिलेगी।
इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है।
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