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बीएमसी गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में प्रकाशित शोध के अनुसार, बार-बार सीने में जलन होना भी गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) का संकेत है। जो दुनिया भर की 13.98% वयस्क आबादी में पाया जाता है।

कुछ लोगों को दूध पीने के बाद सीने में जलन की समस्या हो सकती है। कभी-कभी यह दूध के प्रकार पर निर्भर करता है।

संपूर्ण दूध में 2% वसा होती है। जो एसिड रिफ्लक्स को बढ़ा सकता है और सीने में जलन पैदा कर सकता है।

सोया दूध, जई का दूध, काजू दूध और चावल का दूध जैसे दूध लोगों के लिए बहुत अच्छे विकल्प हैं। डेयरी उत्पाद सीने में जलन का कारण बन सकते हैं।

पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार खाकर स्वस्थ वजन बनाए रखें। तम्बाकू या धूम्रपान का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। खाने के तुरंत बाद न सोयें। इससे पेट और सीने में जलन भी हो सकती है

कभी भी टाइट कपड़े पहनकर खाना न खाएं। इससे खाने के बाद सीने में जलन और बेचैनी हो सकती है।

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