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EPF withdrawal limit 2025 : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने 7.5 करोड़ से अधिक सदस्यों के लिए एक बेहद अहम और राहत भरा फैसला लिया है। अब ईपीएफओ ने अग्रिम दावों के स्वतः निपटान की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। यह फैसला न केवल बड़ी राहत है, बल्कि दावों की प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।

इस निर्णय का मतलब है कि अब कोई भी सदस्य आपातकाल या आवश्यक परिस्थिति में 5 लाख रुपये तक की राशि का दावा सीधे ऑटो-सेटलमेंट प्रक्रिया के तहत कर सकता है। इससे पहले यह सीमा केवल 1 लाख रुपये थी, जो अब पांच गुना बढ़ा दी गई है। यह कदम करोड़ों कर्मचारियों के लिए बहुत ही सहायक सिद्ध होगा, खासकर जब उन्हें अचानक धन की आवश्यकता हो।

केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में हुआ फैसला

इस बड़े बदलाव को पिछले सप्ताह केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की कार्यकारी समिति की 113वीं बैठक में मंजूरी दी गई। इस बैठक की अध्यक्षता श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता दावड़ा ने की और यह बैठक श्रीनगर में 28 मार्च को आयोजित की गई थी। बैठक में ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति भी उपस्थित थे।

CBT की मंजूरी के बाद अब ईपीएफओ के सदस्य 'Auto Settlement through Any Account Claim (ASAC)' सुविधा के तहत 5 लाख रुपये तक की राशि का दावा कर सकते हैं, जो स्वचालित रूप से निपट जाएगा। इससे न केवल प्रक्रिया आसान हुई है, बल्कि समय की भी बचत होगी।

2020 से शुरू हुई थी ऑटो सेटलमेंट प्रक्रिया

गौरतलब है कि ऑटो सेटलमेंट की प्रक्रिया ईपीएफओ ने सबसे पहले वर्ष 2020 में शुरू की थी। तब इसकी अधिकतम सीमा मात्र 50 हजार रुपये थी। इसके बाद मई 2024 में इस सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया गया था। अब एक बार फिर बड़ी छलांग लगाते हुए इसे सीधे 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे सदस्यों को अचानक पैसे की आवश्यकता होने पर तेजी से सहायता मिल सकेगी।

नई श्रेणियों में भी शुरू हुई सुविधा

ईपीएफओ ने न केवल राशि की सीमा बढ़ाई है, बल्कि दावों की स्वचालित निपटान सुविधा को तीन नई श्रेणियों में भी लागू कर दिया है। ये श्रेणियां हैं – शिक्षा, विवाह और आवास। इससे पहले यह सुविधा केवल बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने जैसी परिस्थितियों में ही मिलती थी। इस फैसले से लाखों परिवारों को शिक्षा और विवाह जैसे महत्वपूर्ण मौकों पर तत्काल आर्थिक सहायता मिल सकेगी।

तीन दिन में होता है निपटान, 95% दावे स्वचालित रूप से निपटते हैं

स्वचालित निपटान प्रक्रिया की गति भी उल्लेखनीय है। ईपीएफओ के मुताबिक, 95 प्रतिशत से अधिक दावे अब ऑटोमेटिक तरीके से निपट जाते हैं और इनमें से अधिकांश को केवल तीन कार्यदिवसों के भीतर पूरा कर दिया जाता है। यह कार्यकुशलता का उदाहरण है और यह दिखाता है कि तकनीक के सहारे संगठन अपने सदस्यों को बेहतर सेवा दे रहा है।

रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची ऑटो क्लेम सेटलमेंट राशि

ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2024-25 में 6 मार्च 2025 तक 2.16 करोड़ रुपये के ऑटो क्लेम सेटलमेंट का रिकॉर्ड स्थापित किया है। इसकी तुलना में, पिछले पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा केवल 89.52 लाख रुपये था। यह बताता है कि किस तरह से स्वचालित दावों की प्रक्रिया ने न केवल रफ्तार पकड़ी है, बल्कि इसका दायरा भी व्यापक हुआ है।

दावों की अस्वीकृति दर में भी आई कमी

स्वचालित प्रक्रिया के कारण दावा अस्वीकृति दर में भी बड़ी गिरावट आई है। पहले जहां यह दर लगभग 50 प्रतिशत थी, अब यह घटकर 30 प्रतिशत रह गई है। यह भी एक सकारात्मक संकेत है कि अब अधिक से अधिक दावे स्वीकार किए जा रहे हैं, जिससे सदस्यों को संतोषजनक अनुभव मिल रहा है।

सत्यापन प्रक्रिया को भी बनाया गया आसान

ईपीएफओ ने दावे की प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने के लिए सत्यापन के चरणों को भी कम कर दिया है। पहले जहां 27 औपचारिकताएं होती थीं, अब उन्हें घटाकर 18 कर दिया गया है। इसके साथ ही यह निर्णय भी लिया गया है कि भविष्य में इन औपचारिकताओं की संख्या और घटाकर केवल 6 कर दी जाएगी। इससे प्रक्रिया और भी पारदर्शी और सदस्य-हितैषी बन जाएगी।

नया फैसला: सदस्यों के लिए एक बड़ा कदम

कुल मिलाकर, ईपीएफओ का यह फैसला संगठन की सदस्य-केंद्रित सोच को दर्शाता है। अब जरूरत के समय पीएफ से बड़ी राशि निकालना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है। इससे न केवल सदस्यों को वित्तीय सहूलियत मिलेगी, बल्कि उन्हें लंबी-चौड़ी प्रक्रियाओं से भी मुक्ति मिल जाएगी।