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Donald Trump said on the tariffs : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि अमेरिका अब सिर्फ कुछ चुनिंदा देशों पर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया पर टैरिफ (आयात शुल्क) लगाएगा। यह बयान उन्होंने एयरफोर्स वन विमान में पत्रकारों से बात करते हुए दिया। उनके अनुसार, यह कदम आने वाले दिनों में लागू किया जा सकता है।

अब तक का नजरिया क्या था?

अब तक अमेरिका सिर्फ उन्हीं देशों पर टैरिफ लगाने की बात करता रहा है जो अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं पर भारी आयात शुल्क लगाते हैं या जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटे में है। इन नीतियों का मुख्य उद्देश्य अमेरिका की अर्थव्यवस्था की रक्षा करना और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना था। लेकिन इस बार राष्ट्रपति ट्रम्प का नजरिया पूरी तरह से अलग और कहीं अधिक व्यापक दिखा।

ट्रम्प का ताजा बयान क्यों है खास?

इस ताजा बयान में ट्रम्प ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह केवल कुछ देशों के खिलाफ कदम नहीं है। उन्होंने अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि यह योजना 10 या 15 देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी देशों पर लागू होगी। उनका कहना था, “हम सभी देशों से शुरुआत करेंगे, फिर देखेंगे क्या होता है।” यह बयान दुनिया भर के आर्थिक विश्लेषकों और देशों के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि अमेरिका अपनी व्यापार नीति में बड़ा बदलाव करने जा रहा है।

पहले क्या थीं अटकलें?

इससे पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि ट्रम्प प्रशासन उन देशों पर टैरिफ लगाएगा जिन्हें ‘अनुचित व्यापारिक व्यवहार’ का दोषी माना जाता है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी ऐसे देशों के एक समूह की चर्चा की थी जिसे उन्होंने ‘डर्टी 15’ कहा था। माना जा रहा था कि अमेरिका केवल उन्हीं देशों पर जवाबी कार्रवाई करेगा जो अमेरिका के साथ असंतुलित और पक्षपाती व्यापार करते हैं।

अमेरिका का रुख अब और सख्त या उदार?

ट्रम्प ने यह भी दावा किया कि उनका यह कदम अन्य देशों के मुकाबले अधिक "उदार" होगा। हालांकि उन्होंने कोई ठोस आंकड़े नहीं दिए, पर कहा कि अमेरिका पर टैरिफ लगाने वाले देशों के मुकाबले अमेरिका की यह प्रतिक्रिया कहीं ज्यादा संतुलित और सौम्य होगी। इसका सीधा मतलब यह निकाला जा सकता है कि अमेरिका खुद को ‘व्यापारिक अन्याय’ का शिकार मान रहा है और अब इसका जवाब पूरी दुनिया को देना चाहता है।

इस फैसले का संभावित असर क्या हो सकता है?

अगर अमेरिका अपने इस बयान पर अमल करता है, तो वैश्विक व्यापार प्रणाली पर गंभीर असर पड़ सकता है। कई देशों के साथ अमेरिका के रिश्ते तनावपूर्ण हो सकते हैं और टैरिफ के जवाब में वे भी अमेरिकी उत्पादों पर भारी शुल्क लगा सकते हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं और आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव पड़ सकता है।


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