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हेल्थ टिप्स : मंकीपॉक्स एक वायरस जनित बीमारी है, जो हाल के दिनों में तेजी से लोकप्रिय हो गई है। पहले यह बीमारी ज्यादातर अफ्रीकी देशों में पाई जाती थी, लेकिन अब इसके मामले दुनिया के कई देशों में देखने को मिल रहे हैं। इससे लोगों में चिंता बढ़ गई है और वे जानना चाहते हैं कि क्या मंकीपॉक्स से बचाव के लिए कोई टीका उपलब्ध है, खासकर भारत में।

क्या भारत में मंकीपॉक्स का कोई टीका उपलब्ध है?
वर्तमान में, भारत में मंकीपॉक्स के लिए कोई विशिष्ट टीका उपलब्ध नहीं है, हालाँकि, यह वायरस चेचक (चेचक) से संबंधित है, इसलिए माना जाता है कि चेचक का टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ भी प्रभावी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, चेचक का टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ लगभग 85% सुरक्षा प्रदान कर सकता है। लेकिन भारत में कई साल पहले चेचक का टीकाकरण बंद हो गया, क्योंकि चेचक पूरी तरह से ख़त्म हो गया था। इसलिए यह टीका अब आम तौर पर उपलब्ध नहीं है।

मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वायरल बीमारी है जो पॉक्सविरिडे परिवार के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और शरीर पर दाने या दाने शामिल हैं। यह बीमारी ज्यादातर जानवरों से इंसानों में फैलती है, लेकिन हाल के मामलों में इंसान से इंसान में भी संक्रमण देखा गया है।

नई वैक्सीन पर काम 
हालांकि, अच्छी खबर यह है कि कोरोना वैक्सीन विकसित करने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अब मंकीपॉक्स वैक्सीन पर भी काम कर रही है। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला के मुताबिक, मंकीपॉक्स आपातकाल घोषित होने के बाद उनकी कंपनी ने वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्हें उम्मीद है कि यह वैक्सीन एक साल के भीतर तैयार हो जाएगी.

सरकारी तैयारी और सावधानियाँ
हालाँकि भारत में अभी तक मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सरकार इस संभावित खतरे से पूरी तरह वाकिफ है। देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर विदेश से आने वाले यात्रियों की जांच की जा रही है ताकि किसी भी संदिग्ध मामले की तुरंत पहचान की जा सके। इसके अलावा दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल को मंकीपॉक्स के इलाज के लिए एक समर्पित केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है।

महत्वपूर्ण बिंदु
फिलहाल भारत में मंकीपॉक्स के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। तब तक, लोगों को सावधानी बरतने की ज़रूरत है, जैसे अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करना, प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा से बचना और जानवरों के संपर्क में आने से सावधान रहना। मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

डिस्क्लेमर : खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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