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कैंसर से जुड़े मिथक बनाम तथ्य : आज भले ही मेडिकल साइंस ने काफी प्रगति कर ली है, लेकिन कई लोग कैंसर को मौत की सजा मानते हैं। कैंसर के मरीजों को जैसे ही अपनी बीमारी के बारे में पता चलता है तो वे निराशा और हताशा में चले जाते हैं। अक्सर उनकी हताशा इलाज के आड़े आ जाती है। लोगों की धारणा है कि कैंसर एक लाइलाज बीमारी है, जिसके बाद मौत निश्चित है। लोग कैंसर को एक दर्दनाक मौत के रूप में देखते और समझते हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैंसर से पीड़ित होने का मतलब मौत नहीं है। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज किया जाए तो व्यक्ति इस बीमारी से जंग जीत सकता है और स्वस्थ जीवन जी सकता है। हालांकि, कैंसर से जुड़ी कई ऐसी जानकारियां हैं जो भ्रामक और झूठी हैं और इस बीमारी को घातक बनाती हैं। 'एबीपी लाइव हिंदी' की ऐसे मामलों पर खास पेशकश है मिथक बनाम तथ्य। 'मिथ बनाम फैक्ट्स सीरीज' आपको अंधविश्वास के दलदल से निकालकर सच्चाई से रूबरू कराने का एक प्रयास है।

मिथक 1: कैंसर का मतलब मृत्यु है ?

तथ्य: कैंसर से पीड़ित होने का मतलब यह नहीं है कि मृत्यु निश्चित है। दरअसल, मेडिकल साइंस ने काफी प्रगति की है और अगर कैंसर का समय रहते पता लगा लिया जाए और इलाज किया जाए तो इस बीमारी से जंग जीती जा सकती है। चिकित्सा विज्ञान की नई तकनीकों और उपचारों की बदौलत आज लाखों लोग कैंसर को मात देकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। इस बीमारी का जल्दी पता चलने, उचित इलाज और परिवार और दोस्तों के सहयोग से इस बीमारी से लड़ने की ताकत मिलती है और कैंसर रोगी की जान बचाई जा सकती है।

मिथक 2: केवल धूम्रपान करने वालों को ही फेफड़ों का कैंसर होता है ?

तथ्य: इसमें कोई संदेह नहीं है कि धूम्रपान फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है और फेफड़ों के कैंसर का एक प्रमुख कारण है। लेकिन आपको बता दें कि ऐसा जरूरी नहीं है कि सिर्फ धूम्रपान करने वालों को ही यह बीमारी होती है। धूम्रपान न करने वालों को भी धुएं और हवा में मौजूद अन्य हानिकारक तत्वों के कारण फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। अगर आप भी इस गलतफहमी में हैं कि आप धूम्रपान नहीं करते हैं, तो इस कैंसर से बचने के लिए जरूरी कदम उठाना जरूरी है।

मिथक 3: क्या कैंसर ठीक हो सकता है और वापस आ सकता है ?

तथ्य: कैंसर से जुड़ा एक और मिथक यह है कि कैंसर हमेशा वापस आता है। अगर आप भी इस सोच से परेशान हैं तो हम आपको बता दें कि यह सच नहीं है। यदि कैंसर का इलाज जल्दी किया जाता है, तो बीमारी के वापस आने की संभावना कम होती है, लेकिन जोखिम उन्नत अवस्था में रहता है, इसलिए रोगियों को इलाज के बाद दो साल तक नियमित जांच करानी चाहिए।      

मिथक 4: क्या एक विशेष प्रकार का भोजन खाने से कैंसर ठीक हो जाता है ?

तथ्य: कई बीमारियों में आपका आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है, कैंसर में भी अच्छा आहार जरूरी है, लेकिन यह कहना सही नहीं है कि इससे कैंसर ठीक हो सकता है। हालाँकि सब्जियों और फलों से भरपूर संतुलित आहार स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, लेकिन अगर आप मानते हैं कि विशेष पूरक या सुपर फूड कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं, तो आप गलत होंगे।

मिथक 5: क्या बायोप्सी से कैंसर होता है ?

तथ्य: कैंसर के मरीजों का सबसे बड़ा डर यह होता है कि बायोप्सी से कैंसर बढ़ जाएगा, लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक, भारत में हर साल 14 लाख और दुनिया भर में 50 लाख से ज्यादा मरीज कैंसर का इलाज कराते हैं। बायोप्सी के बिना किसी भी मरीज का इलाज नहीं किया जा सकता क्योंकि यह कैंसर का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका है। ऐसे में इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि बायोप्सी से कैंसर फैलता है। मरीज एडवांस स्टेज में पहुंच चुके हैं और बायोप्सी से पहले ही उनकी बीमारी फैल चुकी है।

डिस्क्लेमर: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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