भारत के महानगरों में ट्रैफिक में फंसना एक आम समस्या बन गई है। दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव, बेंगलुरु, मुंबई जैसे कई शहरों में सुबह-शाम घंटों ट्रैफिक जाम रहता है। शहरों में ट्रैफिक में फंसना रोजमर्रा की परेशानी बन गई है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक इंसान अपनी जिंदगी में ट्रैफिक में कितने घंटे बर्बाद करता है? आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
भारत समेत कई देशों में ट्रैफिक में फंसना लोगों की जिंदगी की रोजमर्रा की समस्या बन गई है। हर व्यस्त इलाके में हालात ऐसे हैं कि लोग सुबह ऑफिस के लिए निकलते हैं और घंटों जाम में फंसे रहते हैं. हालात ऐसे हो गए हैं कि सभी महानगरों में हर दिन वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सरकार ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए कई कदम उठाती है लेकिन हकीकत में स्थिति लगभग वैसी ही रहती है.
रोजाना घंटों ट्रैफिक जाम में फंसना आम बात है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे लंबा ट्रैफिक जाम कब लगा था? आपको बता दें कि 2010 में बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेसवे पर लगा जाम बेमिसाल है. यहां लोग कुछ घंटों के लिए नहीं बल्कि 12 दिनों तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे। जी हां, इतिहास का सबसे लंबा ट्रैफिक जाम दो-चार घंटे का नहीं, बल्कि 12 दिनों का था। इस जाम में हजारों यात्री फंसे रहे. जानकारी के मुताबिक, यह जाम 100 किलोमीटर से ज्यादा लंबा था और इससे जनजीवन पूरी तरह से थम गया. इस जाम को हटाने में 12 दिन लग गए.
क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी कितनी जिंदगी ट्रैफिक जाम में फंसी है? आज हम आपको बताएंगे कि एक आम इंसान रोजाना कितने घंटे ट्रैफिक में बिताता है और अपनी जिंदगी के कितने घंटे ट्रैफिक में बर्बाद कर देता है। आपको बता दें कि एक व्यक्ति रोजाना औसतन 2 घंटे ट्रैफिक जाम में बिताता है। इस हिसाब से 60 साल में एक व्यक्ति करीब 42000 घंटे ट्रैफिक में बर्बाद करता है। यानी एक व्यक्ति अपने पूरे जीवन में विभिन्न कारणों से 42 हजार घंटे ट्रैफिक जाम में बिताता है।
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