मिथक बनाम तथ्य : आजकल हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल का दौरा, दिल की विफलता और स्ट्रोक के मामले काफी आम होते जा रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया में हृदय रोगियों की संख्या सबसे ज्यादा भारत में है। इसका मुख्य कारण खराब जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर आहार है। पिछले कुछ वर्षों में देश में अधिक से अधिक युवा हृदय रोग का शिकार हुए हैं। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान भी गई है. अब जहां एक तरफ दुनिया में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर इसके बारे में कई भ्रामक जानकारियां भी बढ़ रही हैं, मिथक बनाम तथ्य की सीरीज में आइए इस मिथक को दूर करने की कोशिश करते हैं दिल के दौरे से संबंधित.
मिथक : सोने से पहले एक गिलास पानी दिल के दौरे को रोक सकता है?
तथ्य: इस दावे को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि पानी पीना शरीर के लिए बेहद जरूरी और फायदेमंद है, लेकिन यह बिल्कुल भी सच नहीं है कि रात को सोने से पहले एक गिलास पानी पीने से हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। ज्यादा पानी पीने से सेहत पर भी नकारात्मक असर पड़ता है.
मिथक :: क्या एस्पिरिन की गोलियाँ दिल के दौरे के खतरे को ख़त्म कर देंगी?
तथ्य: हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि डॉक्टर की सलाह के बिना एस्पिरिन लेना बहुत गंभीर हो सकता है। जिससे शरीर को कई गंभीर दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं। बेतरतीब ढंग से एस्पिरिन लेने से शरीर में आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है।
मिथक :: हार्ट अटैक को लेकर इस दावे के पीछे की सच्चाई क्या है?
तथ्य:: इसका मतलब साफ है कि एस्पिरिन और एक गिलास पानी से दिल का दौरा रोकने का दावा पूरी तरह से गलत है। इससे बचने के लिए रोजाना एस्पिरिन लेना बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। हार्ट अटैक की समस्या होने से पहले शरीर पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। शुरुआत में सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण नजर आते हैं। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
डिस्क्लेमर : यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि thenews11.com किसी भी पहचान, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें
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