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गोल्ड रेट टुडे: साल 2024 के बाद अब नए साल यानी 2025 में भी सोने की चमक जारी है. सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है और यह 2 हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। पिछले साल घरेलू बाजार में सोने का रिटर्न 20 फीसदी से ज्यादा रहा। पिछले हफ्ते की बात करें तो वैश्विक बाजार में सोना 0.74 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर फरवरी 2025 डिलीवरी वाला सोना वायदा 77,320 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर शुक्रवार को सोना 2,639.49 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।

सोने की कीमतें बढ़ने का कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, सोने की कीमतों में हालिया वृद्धि निम्नलिखित कारणों से है:

  • भू-राजनीतिक तनाव: मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ती वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने सोने की मांग को बढ़ा दिया है। रूस और इजराइल के बीच हालिया संघर्ष ने भी बाजार में चिंता बढ़ा दी है।
  • केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीदारी: कई देशों के केंद्रीय बैंक अनिश्चितताओं से बचाव और आरक्षित विविधीकरण रणनीति के रूप में अपने स्वर्ण भंडार में वृद्धि कर रहे हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, केंद्रीय बैंकों ने 2024 के पहले 10 महीनों में करीब 740 टन सोना खरीदा।
  • डोनाल्ड ट्रम्प का आगमन: डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान भूराजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता बढ़ने की संभावना है। इससे सोने की मांग और बढ़ेगी. ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान व्यापार युद्ध, संभावित संघर्ष और अप्रत्याशित नीतियां निवेशकों को सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर आकर्षित करेंगी।

अन्य कारक

FOMC मीटिंग मिनट्स, गैर-कृषि रोजगार डेटा और अमेरिकी बेरोजगारी दर का भी सोने की कीमतों पर असर पड़ेगा। हालांकि, डॉलर की मजबूती से सोने की कीमतों में थोड़ी नरमी आई। डॉलर सूचकांक लगातार छठे सप्ताह बढ़ा और वर्तमान में दो साल के उच्चतम स्तर पर है। इससे अन्य मुद्राएं रखने वाले निवेशकों के लिए सोना खरीदना महंगा हो गया है।

विशेषज्ञ की राय

जानकारों के मुताबिक छोटी अवधि में सोने में अच्छी मजबूती देखने को मिल सकती है। भूराजनीतिक स्थिति और केंद्रीय बैंक की खरीदारी को देखते हुए सोने की कीमतें और बढ़ने की संभावना है।

ऐसे में नए साल में भी सोने की चमक बरकरार है और इसमें निवेश करने वालों के लिए यह अच्छी बात है।

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