
Imran Khan Peace Prize Nominations : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के संस्थापक इमरान खान को 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। यह नामांकन पाकिस्तान वर्ल्ड अलायंस (PWA) और नॉर्वे की राजनीतिक पार्टी सेंट्रम ने किया है। इन दोनों संगठनों ने मानवाधिकारों और लोकतंत्र की दिशा में उनके कथित योगदान को मान्यता देते हुए यह पहल की है। दिसंबर 2023 में गठित PWA, नॉर्वे की सेंट्रम पार्टी से जुड़ा एक वकालत समूह है। सेंट्रम पार्टी ने इस खबर की आधिकारिक पुष्टि अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर की है।
यह इमरान खान के लिए पहला मौका नहीं है जब उनका नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए आगे आया हो। 2019 में भी उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। उस समय उन्होंने दक्षिण एशिया में शांति कायम करने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाई थी, जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया था।
हर साल नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉर्वेजियन नोबेल समिति को दुनिया भर से सैकड़ों नामांकन मिलते हैं। इन नामांकनों के बाद एक लंबी प्रक्रिया शुरू होती है, जो लगभग आठ महीने चलती है। इस दौरान विशेषज्ञ, शोधकर्ता और विश्लेषक नामित लोगों की पृष्ठभूमि और उनके कार्यों की गहराई से जांच करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के बाद अक्टूबर में पुरस्कार विजेता का नाम घोषित किया जाता है, और दिसंबर 2025 में नोबेल पुरस्कार समारोह आयोजित किया जाएगा।
इमरान खान का नाम ऐसे समय में सामने आया है, जब वे अगस्त 2023 से जेल में हैं। जनवरी 2024 में उन्हें सत्ता के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के तहत 14 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा वे तोशाखाना घोटाला, साइफर मामले और एक निजी विवाह विवाद जैसे कई मामलों में दोषी पाए गए हैं। हालांकि, कुछ मामलों में अदालतों ने उनकी सजाओं को निलंबित या रद्द भी कर दिया है।
2022 में अविश्वास प्रस्ताव के चलते उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा था, और तभी से वे राजनीतिक और कानूनी संकटों से जूझ रहे हैं। बावजूद इसके, नोबेल पुरस्कार के लिए उनका नाम आना उनके समर्थकों के लिए एक प्रेरणादायक क्षण है। इमरान खान ने इन सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा है कि उन्हें सत्ता से दूर रखने के लिए यह साजिश रची गई है।
उनके समर्थक भी यही मानते हैं कि यह कार्रवाई मौजूदा सरकार और सेना के गठजोड़ की रणनीति का हिस्सा है। उनके अनुसार, इमरान खान को राजनीतिक रूप से समाप्त करने की कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन ने इस नैरेटिव को एक नया मोड़ दे दिया है। अब समर्थकों को उम्मीद है कि यह नामांकन उन्हें फिर से राजनीतिक मंच पर मजबूत बनाएगा।
अगर इमरान खान को यह पुरस्कार मिलता है, तो यह न सिर्फ पाकिस्तान की राजनीति में बल्कि वैश्विक मंच पर भी एक बड़ी घटना होगी। इससे यह संकेत जाएगा कि दुनिया भर में लोकतंत्र और मानवाधिकारों के मुद्दों को गंभीरता से लिया जा रहा है, चाहे व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में क्यों न हो।
फिलहाल, इस खबर ने इमरान खान के समर्थकों में नई ऊर्जा भर दी है। वे सोशल मीडिया और सार्वजनिक जगहों पर इस बात का जश्न मना रहे हैं और आशा कर रहे हैं कि इस बार नोबेल शांति पुरस्कार उनके नेता को ही मिलेगा। पुरस्कार की घोषणा तक का यह समय उनके लिए उत्सुकता और उम्मीदों से भरा रहेगा।