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मानसून में गर्भावस्था आहार : मानसून का मौसम आते ही लोगों ने राहत की सांस ली है। बरसात के दिनों में बारिश से माहौल खुशनुमा हो जाता है। ऐसे में मौसम के बदलाव से लेकर लोगों के खान-पान तक में कई तरह के बदलाव आते हैं, लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह मौसम काफी मुश्किल होता है

मानसून के दौरान बैक्टीरिया और संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जो गर्भवती महिलाओं को तेजी से प्रभावित करता है। ऐसे में महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अपने आहार में कुछ चीजों को शामिल करने से बचना चाहिए।

मानसून के दौरान बैक्टीरिया और संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जो गर्भवती महिलाओं को तेजी से प्रभावित करता है। ऐसे में महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अपने आहार में कुछ चीजों को शामिल करने से बचना चाहिए।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के मौसम में गर्भवती महिलाओं को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इसका सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के मौसम में गर्भवती महिलाओं को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इसका सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं को मानसून में कच्चा और अधपका मांस या अंडे खाने से बचना चाहिए। क्योंकि बारिश के मौसम में ऐसी चीजों में हानिकारक बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ शिशु के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

गर्भवती महिलाओं को मानसून में कच्चा और अधपका मांस या अंडे खाने से बचना चाहिए। क्योंकि बारिश के मौसम में ऐसी चीजों में हानिकारक बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ शिशु के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

गर्भवती महिलाओं को मानसून के मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से भी बचना चाहिए, क्योंकि बदलते मानसून और बरसात के दिनों में नमी के कारण इन सब्जियों में बैक्टीरिया और फंगस का खतरा बढ़ जाता है, जो महिला और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।

गर्भवती महिलाओं को मानसून के मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से भी बचना चाहिए, क्योंकि बदलते मानसून और बरसात के दिनों में नमी के कारण इन सब्जियों में बैक्टीरिया और फंगस का खतरा बढ़ जाता है, जो महिला और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।

वैसे तो फलों का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन फलों का जूस और एप्पल साइडर विनेगर दोनों ही मानसून के दिनों में कच्चे फलों से बनाए जाते हैं और इन्हें लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए इनमें अधिक चीनी और प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को मानसून में इसका सेवन करने से बचना चाहिए। यह मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बुरा साबित होता है।

वैसे तो फलों का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन फलों का जूस और एप्पल साइडर विनेगर दोनों ही मानसून के दिनों में कच्चे फलों से बनाए जाते हैं और इन्हें लंबे समय तक खराब होने से बचाने के लिए इनमें अधिक चीनी और प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को मानसून में इसका सेवन करने से बचना चाहिए। यह मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बुरा साबित होता है।

गर्भवती महिलाओं को मानसून के दिनों में चाय और कॉफी के अधिक सेवन से बचना चाहिए। इसके अधिक सेवन से बीपी और हृदय गति बढ़ जाती है, जो मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

गर्भवती महिलाओं को मानसून के दिनों में चाय और कॉफी के अधिक सेवन से बचना चाहिए। इसके अधिक सेवन से बीपी और हृदय गति बढ़ जाती है, जो मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

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