health tips : उच्च और निम्न रक्तचाप एक गंभीर स्थिति है। दोनों का उतार-चढ़ाव गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। संतुलन बनाये रखना जरूरी है. लो बीपी दिल की विफलता और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। वहीं, हाई बीपी दिल के दौरे का कारण बन सकता है। इसके अलावा किडनी भी खराब हो सकती है। एक नई रिपोर्ट में पाया गया है कि वर्कआउट करते समय बीपी में उतार-चढ़ाव अधिक होता है। वहीं, अगर काम करते वक्त खड़ा रहना पड़ता है तो इससे ब्लड प्रेशर पर ज्यादा नकारात्मक असर पड़ता है। साथ ही ज्यादा बैठने से बीपी भी बेहतर रहता है। रिपोर्ट में जानिए बीपी से जुड़ी सभी अहम बातें।
शोध कहाँ किया गया है?
यह शोध फिनलैंड की तुर्कू यूनिवर्सिटी ने किया है। दरअसल, मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज जर्नल में छपी एक खबर के मुताबिक इस बात की पुष्टि हुई है कि खड़े होने से बीपी पर ज्यादा असर पड़ता है। रक्तचाप के संबंध में, शोध से पता चलता है कि रक्तचाप रात और दिन के दौरान भिन्न होता है। दिन के समय हृदय पर अधिक प्रभाव पड़ता है, जिससे हृदय की नसें दब जाती हैं। वहीं, अगर रात के समय रक्तचाप ठीक से कम न हो तो नसें सख्त हो जाती हैं। इससे हमारे दिल पर अधिक बोझ पड़ता है. इससे दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
ऑफिस में खड़े रहना है नुकसानदेह
रिसर्च में सामने आया है कि ऑफिस में काम का बोझ रहता है। वहीं, अगर खड़े होकर काम करने की स्थिति हो तो इससे शरीर की नसें सिकुड़ जाती हैं और हृदय को पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
यह कैसे सामने आया?
रिपोर्ट के मुताबिक, शोध में कार्यालय समय के दौरान नगर निगम के कर्मचारियों का बीपी मापा गया, जांघ पर एक उपकरण लगाया गया और हर 30 मिनट में उनका रक्तचाप मापा गया। इस परीक्षण से ही खड़े लोगों में हाई बीपी का पता चलता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि जो लोग बहुत अधिक खड़े होकर काम करते हैं उन्हें नियमित रूप से व्यायाम करने और संतुलित जीवनशैली अपनाने की जरूरत है।
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