आजकल की ख़राब और आधुनिक जीवनशैली के कारण लोगों को शारीरिक और मानसिक दोनों समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ये वो समस्याएं हैं जो व्यक्ति को कई गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती हैं।
एक स्वस्थ व्यक्ति को 6-8 घंटे सोना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति को नींद की समस्या हो रही है या देर रात तक जागना पड़ रहा है तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें क्योंकि यह मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने की ओर पहला कदम है।
आजकल तनाव और डिप्रेशन मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने का सबसे बड़ा कारण है। अगर किसी व्यक्ति की जीवनशैली और खान-पान खराब है तो उसका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो सकता है। उसे तनाव और अवसाद की समस्या हो सकती है।
आजकल खराब स्वास्थ्य समस्याओं के कारण लोगों में न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। स्लीप एपनिया, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, अनिद्रा और पैरासोमनिया जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियां नींद में बाधा डालती हैं। इससे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं।
जो लोग मधुमेह, हृदय रोग, खराब मानसिक स्वास्थ्य से पीड़ित हैं, उन्हें कई प्रकार का मानसिक तनाव भी होता है। सोशल मीडिया के युग में लोग अधिक से अधिक समय वहां बिताते हैं, जिससे नींद की कमी हो जाती है।
अगर आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं तो आपको अपने आहार और खान-पान पर विशेष ध्यान देना होगा। इसके अलावा आपको खूब सारा पानी भी पीना होगा। आपको अपने स्वास्थ्य और मनोदशा को बनाए रखने के लिए कैफीन और शराब से बचना चाहिए। क्योंकि ये सभी चीजें मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत अधिक प्रभाव डालती हैं।
--Advertisement--