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जयपुर : यौन उत्पीड़न मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम को इलाज के लिए 7 दिन की पैरोल दी है. 1 सितंबर 2013 से जेल में हैं और अब करीब 11 साल बाद पैरोल पर बाहर आएंगे। पुलिस हिरासत में आसाराम इलाज के लिए जाएंगे महाराष्ट्र. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खंडपीठ ने उनकी अंतरिम पैरोल मंजूर कर ली. कुछ दिन पहले आसाराम की तबीयत अचानक खराब हो गई थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम को इलाज के लिए 7 दिन की पैरोल दी है. 

सीने में दर्द की शिकायत की

उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद जेल प्रशासन ने उन्हें जोधपुर एम्स में भर्ती कराया. मेडिकल चेकअप के बाद उन्हें इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया. वह 10 अगस्त से जोधपुर एम्स में भर्ती हैं. आसाराम की तबीयत खराब होने और जोधपुर एम्स में भर्ती होने की खबर सार्वजनिक होते ही उनके समर्थकों की भीड़ अस्पताल के बाहर जमा हो गई. आसाराम को 2018 में जोधपुर की एक विशेष POCSO अदालत ने नाबालिग से बलात्कार का दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

कोर्ट ने आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई

आसाराम 2 सितंबर 2013 से जेल में हैं. लड़की ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि 15 अगस्त 2013 की रात आसाराम ने उसे जोधपुर के पास मणाई स्थित अपने आश्रम में बुलाया और उसके साथ बलात्कार किया. पांच साल से ज्यादा समय तक चली सुनवाई के बाद POCSO कोर्ट ने आसाराम को दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनाई. पिछले साल गुजरात की एक अदालत ने आसाराम को 2013 में अपने सूरत आश्रम में एक महिला अनुयायी के साथ बलात्कार करने का दोषी ठहराया था।

आसाराम ने राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मेडिकल आधार पर अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. आसाराम ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. इसी साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इलाज के लिए राजस्थान हाई कोर्ट जा सकते हैं. 

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