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अहमदाबाद : गुजरात की आंगनवाड़ी बहनों ने कवच रक्षाबंधन के पवित्र त्योहार पर देश की सुरक्षा में लगे जवानों को 1 लाख से अधिक रक्षा कवच प्रदान करने का सराहनीय तरीका अपनाया है. देश के कर्तव्य परायण जवान हर त्यौहार और त्योहार अपने परिवार से दूर सीमा पर मनाते हैं।
 
इन जवानों को यह अहसास कराने के लिए कि उनकी मां-बहनें उनसे जुड़ी हुई हैं और भाई-बहन के प्यार का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन मना सकें, इसके लिए गुजरात ने "एक राखी देश के जवाना के नाम" के तहत एक सराहनीय प्रयोग किया है। इसी उद्देश्य से प्रदेश की 53 हजार आंगनबाड़ियों की बहनों ने देश की सीमा पर तैनात वीर जवानों के लिए 1 लाख तीन हजार से अधिक रक्षा कवच भेजने की योजना बनाई है.
 
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री श्रीमती भानुबेन बाबरिया ने इस रक्षा सूत्र को सीमा सैनिकों तक पहुंचाने के लिए 16 मराठा लाइट इन्फेंट्री के लेफ्टिनेंट कर्नल राकेश कुमार और सब मेजर जनरल संतोष कामटे को यह रक्षा सूत्र भेंट किया।

गर्मी, सर्दी, बारिश या किसी भी विषम परिस्थिति में देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले और अपने परिवार से दूर रहने को मजबूर होने वाले वीर जवानों-जवानों के लिए शुभकामनाओं और प्रार्थनाओं वाली ये राखियां उन वीर जवानों के प्यार का एहसास कराती रहेंगी गुजरात की बहनों का उनके प्रति.

राखी बांधने के लिए सुबह कोई मुहूर्त नहीं है 

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन सुबह 3:40 बजे लगेगी, जो रात 11:55 बजे समाप्त होगी। पूरे दिन पूर्णिमा तिथि रहने पर भी सुबह राखी नहीं बांधी जा सकती, क्योंकि इस दिन सूर्योदय से पहले ही भद्रा का समय रहेगा, जो दोपहर 1:29 बजे समाप्त होगी।

दरअसल भद्रा काल में राखी बांधना बहुत अशुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में राखी बांधी थी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। तभी से भद्रा में कोई भी बहन अपने भाई को राखी नहीं बांधती। ऐसे में आप दोपहर 01 बजकर 32 मिनट के बाद भाई को राखी बांध सकती हैं। क्योंकि इस समय भद्रा समाप्त हो जाएगी. राखी बांधने का सबसे शुभ समय दोपहर डेढ़ बजे से शाम 7 बजे तक रहेगा.

महिला एवं बाल विकास सचिव एवं आयुक्त राकेश शंकर, आई.सी.डी.एस. आयुक्त रणजीतकुमार सिंह, उप सचिव श्रीमती कुमुदबेन याग्निक एवं आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक बहनें भी उपस्थित थीं।


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