img

बलराज साहनी का करियर : बॉलीवुड में ऐसे कई अभिनेता हैं जिन्होंने हमेशा से एक्टिंग को करियर बनाने की योजना नहीं बनाई थी। लेकिन जब उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा तो खूब नाम कमाया. ऐसे ही एक अभिनेता थे बलराज साहनी, जो कभी दिलीप कुमार जैसे सुपरस्टार को टक्कर देते थे।

बलराज साहनी को अभिनय से ज्यादा राजनीति और क्रांति में रुचि थी। कम ही लोग जानते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले उन्होंने महात्मा गांधी के साथ काम किया था। गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर, गॉर्डन कॉलेज और विश्वभारती विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख संस्थानों से शिक्षित बलराज ने रावलपिंडी में अपने पारिवारिक व्यवसाय का विस्तार किया।

इन फिल्मों में किया काम
बलराज साहनी ने 1946 में फिल्म 'इंसाफ' से बॉलीवुड में एंट्री की। उन्हें 'धरती के लाल' से प्रसिद्धि मिली. इसके बाद उन्होंने 'दो बीघा जमीन', 'नीलकमल', 'दो रास्ते', 'एक फूल दो माली', 'छोटी बहन', 'काबुलीवाला', 'वक्त' और 'गरम' हवा जैसी फिल्मों में काम किया। लेकिन फिल्मों में आने से पहले वह आजादी की लड़ाई का हिस्सा थे।

बलराज ने महात्मा गांधी के साथ किया काम
डीएनए के मुताबिक, बलराज 1940 के दशक की शुरुआत में कम्युनिस्ट आंदोलन का हिस्सा बने। लेकिन इससे पहले उन्होंने महात्मा गांधी के साथ काम किया था. महात्मा गांधी ने बलराज को लंदन जाकर बीबीसी हिंदी से जुड़ने की सलाह दी, जिसे अभिनेता ने स्वीकार कर लिया। बाद में वह भारत लौट आए और अभिनय में हाथ आजमाया।

क्रांतिकारी विचारों के लिए जेल गए अभिनेता
बलराज 1946 में इंडियन प्रोग्रेसिव थिएटर एसोसिएशन के सदस्य थे और इस दौरान उन्हें अपने क्रांतिकारी विचारों के लिए जेल भी जाना पड़ा। खास बात यह है कि बलराज साहनी ने जेल में रहते हुए भी फिल्मों में काम किया. अपनी फिल्म की शूटिंग पूरी करने के बाद वह जेल चले जाते थे।

पत्नी और बेटी की अचानक मृत्यु
बलराज साहनी की पत्नी दमयंती साहनी भी एक अभिनेत्री थीं। लेकिन 1947 में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उनकी बेटी शबनम साहनी की भी अपने ससुर के घर पर अचानक मृत्यु हो गई।


Read More: बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां फिर बनीं चर्चा का विषय: 2025 में तबाही, 2043 तक इस्लामिक शासन का दावा"