img

भारत रक्षा निर्यात : भारत ने हथियारों के निर्यात में तेजी से प्रगति की है। पहले भारत सबसे बड़ा हथियार आयातक हुआ करता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024 में खुलासा हुआ कि भारत ने 85 देशों को ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर पिनाका रॉकेट और तोपखाने तक सब कुछ बेचा। हथियार खरीदने वालों में आर्मेनिया और फिलीपींस, इटली, मालदीव, रूस, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, पोलैंड, मिस्र, इज़राइल और स्पेन, चिली शामिल हैं। वह इन देशों में तोप के गोले भी भेज रहा है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2017 में भारत का रक्षा उत्पादन 74,054 करोड़ रुपये था, जो 2023 में बढ़कर 1,08,684 करोड़ रुपये हो गया है. 2015 और 2019 के बीच, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार खरीदार था, लेकिन अब शीर्ष 25 हथियार निर्यातक देशों में आ गया है।

इन सरकारी योजनाओं का लाभ 
दरअसल, भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिसमें पीएलआई भी शामिल है, जो कई प्रोत्साहन दे रही है। हाल ही में सरकार ने कई हथियारों के निर्यात की भी इजाजत दी है. आंकड़ों की मानें तो इस वक्त 100 से ज्यादा कंपनियां हथियार और उपकरण निर्यात कर रही हैं। इसमें डोर्नियर 228 विमान, तोपें, ब्रह्मोस मिसाइलें, आकाश मिसाइलें, पिनाका रॉकेट प्रणाली, बॉडी कवच, हेलमेट, गोला-बारूद, रडार, तोप के गोले और कई अन्य प्रकार के उपकरण शामिल हैं। एचएएल कंपनी अधिक से अधिक विमानों की आपूर्ति कर रही है, जिसका फायदा भी हो रहा है.

चीन को भी दिया गया है संदेश 
भारत निर्मित लड़ाकू विमान तेजस की आपूर्ति विदेशों में भी की जानी है, जिसमें कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई है. इसके अलावा भारतीय कंपनी एचएएल ने कई हेलीकॉप्टरों का निर्यात भी किया है। भारत आर्मेनिया और फिलीपींस जैसे देशों को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है। भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल देकर चीन को भी संदेश दिया है.

--Advertisement--