क्रिसमस से पहले फेडरल रिजर्व ने लाखों अमेरिकियों को बड़ा तोहफा दिया है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व ने साल की आखिरी बैठक के दौरान लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में कटौती की है। यह कटौती 25 बेसिस प्वाइंट की की गई है. नवंबर के बाद से यह 25 आधार अंकों की लगातार दूसरी गिरावट है। जबकि सितंबर महीने में फेड ने रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी. इसका मतलब है कि फेड ने पिछले 4 महीनों में दरों में कुल एक प्रतिशत की कटौती की है।
डोनाल्ड ट्रंप की जीत से पहले फेड ने इस साल ब्याज दरों में 1.50 फीसदी की कटौती का संकेत दिया था. नवंबर में अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हुआ और डोनाल्ड ट्रंप भारी अंतर से जीते. डोनाल्ड ट्रम्प कभी भी ब्याज दरों में प्रगतिशील कटौती के समर्थक नहीं रहे हैं। जिसके चलते फेड को भी अपना रुख बदलना पड़ा. हालांकि, बुधवार को रेट कट के बाद फेड की पॉलिसी का दायरा घटकर 4.25-4.50 फीसदी रह गया है।
लगातार तीसरी बार ब्याज दर में कटौती
फेड रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की घोषणा की है. जिसके बाद फेडरल रिजर्व की नीतिगत दर 4.25-4.50 फीसदी के दायरे में आ गई है. फेड ने लगातार तीसरी बार कटौती की है. इन तीन बार में फेड ने 100 बेसिस प्वाइंट यानी एक फीसदी की कटौती की है. फेड ने नवंबर में दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की थी और उससे पहले सितंबर में दरों में 50 आधार अंकों की कटौती की थी।
अगले साल कितनी होगी कटौती?
फेड रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने घोषणा की कि वर्ष 2025 में फेड नीति में केवल 50 आधार अंकों की कटौती देखी जा सकती है। जबकि साल 2026 में भी पॉलिसी रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कमी आ सकती है. खास बात यह है कि 90 विशेषज्ञों का अनुमान है कि जनवरी में नीतिगत दर में कटौती हो सकती है. इसका मतलब यह है कि जनवरी और उसके बाद कई नीतिगत बैठकों के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।
भारत में क्या होगा असर?
भारत ने दिसंबर एमपीसी में एक बार फिर ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है। गौरतलब है कि यह सीट शक्तिकांत दास की आखिरी एमपीसी थी. अब नए गवर्नर संजय मल्होत्रा हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि चालू वित्त वर्ष की आखिरी एमपीसी में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो सकती है। अनुमान है कि उस समय देश की महंगाई दर 4 फीसदी के आसपास रह सकती है. दरअसल, सरकार से ही ब्याज दर कम करने की मांग हो रही है. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई मौकों पर इसका संकेत दे चुकी हैं. इसके साथ ही देश के वाणिज्य मंत्री ने भी ब्याज दर कम करने की वकालत की है. ऐसे में फरवरी में रेपो रेट में कटौती की काफी उम्मीद है.
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