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UP राजनीति : उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य के बीच तनातनी सुर्खियों में है, विपक्षी समाजवादी पार्टी लगातार इस पर तंज कस रही है. इस बीच, सपा ने दावा किया है कि अगले कुछ महीनों में सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी सीट खो देंगे. केशव मौर्य के निशाने पर सीएम योगी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी दोनों हैं.

सोशल मीडिया साइट पर एक पोस्ट में समाजवादी पार्टी ने कहा कि संभवत: अगले कुछ महीनों में सीएम योगी अपनी सीट खो देंगे. केशव मौर्य लगातार अपने नेतृत्व में एक ग्रुप तैयार कर रहे हैं जो प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और सीएम योगी के खिलाफ बोलता है और केशव मौर्य प्रदेश अध्यक्ष और सीएम के खिलाफ इस बगावत को धार और ताकत दे रहे हैं.

भूपेन्द्र चौधरी और सीएम योगी दोनों ही केशव मौर्य के रडार पर हैं और केशव खुलकर इन दोनों के खिलाफ खेल रहे हैं. एसपी के इस दावे के बाद हलचल तेज हो गई है.

बीजेपी संगठन में भी टकराव देखने को मिला

वहीं बीजेपी नेता और पूर्व राज्य मंत्री पंडित सुनील भराला ने केशव प्रसाद मौर्य के बयान का हवाला देते हुए प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केशव प्रसाद के बयान के आधार पर मेरी समझ से संगठन की जिम्मेदारी भी बड़ी है. उनका आशय यह हो सकता है कि हार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी संगठन की ही है। इसलिए माननीय प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी को हार की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

बीजेपी में उथल-पुथल से अखिलेश को कितना होगा फायदा?

दरअसल, बीजेपी में मचे घमासान के बीच अखिलेश यादव ने कहा, 'मानसून ऑफर: 100 लाओ, सरकार बनाओ!' माना जा रहा है कि उनका इशारा इस बात का था कि अगर कोई 100 विधायक लेकर आएगा तो वह सरकार बनाने में मदद करेंगे. हालाँकि, यह एक सपना है, क्योंकि भाजपा के पास प्रचंड बहुमत है। यूपी में विधानसभा की 403 सीटें हैं और बहुमत के लिए 202 सीटों की जरूरत है. अकेले बीजेपी के पास करीब 251 सीटें हैं और उसके सहयोगियों के पास करीब 300 सीटें हैं.

अगर बीजेपी की सीटों की संख्या कम भी हो जाए तो भी वह अपने सहयोगियों के साथ सरकार में बनी रह सकती है. अखिलेश यादव की पार्टी के साथ आने के बाद भी सरकार बनाना मुश्किल हो रहा है. हालांकि सरकार बनना मुश्किल है लेकिन अखिलेश यादव के ऑफर ने हलचल जरूर पैदा कर दी है.

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