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जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा कर दी है. इस सूची में पहले चरण के लिए 15, दूसरे चरण के लिए 10 और तीसरे चरण के चुनाव के लिए 19 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होने हैं.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर रविवार को नई दिल्ली में बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई. बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. बैठक में चुनावी रणनीति, मुद्दों, उम्मीदवारों के नाम और राज्य में पीएम मोदी की संभावित रैलियों पर चर्चा हुई. इस बैठक के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी सोमवार सुबह तक उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर देगी.

कश्मीर में पीएम मोदी की दो रैलियां 
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में तय हुआ कि पीएम मोदी कश्मीर में एक से दो रैलियां करेंगे, जबकि जम्मू में पीएम मोदी 8 से 10 रैलियां करेंगे. जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा। सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील केंद्र शासित प्रदेश में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे. विधानसभा चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे. पहले चरण में 24 सीटों, दूसरे चरण में 26 सीटों और तीसरे चरण में 40 सीटों पर मतदान होना है।

नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे। 
90 विधानसभा सीटों वाले जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को 24 सीटों पर होगा. पहले चरण के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 27 अगस्त है, ऐसे में जम्मू-कश्मीर पर बीजेपी की पहली लिस्ट आज आ सकती है. दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को है, उस दिन 26 सीटों पर मतदान होगा और तीसरे और अंतिम चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा। तीसरे चरण में सबसे ज्यादा 40 सीटों पर मतदान होगा. वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी.

जम्मू-कश्मीर में इस बार 
चुनाव में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा. एक तरफ बीजेपी सभी 90 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है तो वहीं कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है. महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी भी फिलहाल अकेले चुनाव मैदान में है, जबकि इस बार पहली बार आम आदमी पार्टी भी जम्मू-कश्मीर चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रही है.

2014 में हुआ था आखिरी विधानसभा चुनाव 
इससे पहले जम्मू-कश्मीर में 2014 में विधानसभा चुनाव हुआ था. तब यह राज्य केंद्र शासित प्रदेश नहीं था. उस चुनाव में पीडीपी ने 28 सीटें, भारतीय जनता पार्टी ने 25 सीटें, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 सीटें और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं। बाद में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाई.

अब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 90 हो गई है. जम्मू में अब 43 सीटें और कश्मीर में 47 सीटें होंगी. पीओके के लिए सिर्फ 24 सीटें आरक्षित हैं. यहां चुनाव नहीं हो सकते. जबकि लद्दाख में कोई विधानसभा नहीं है. इस तरह कुल 114 सीटें हैं, जिनमें से 90 पर चुनाव होंगे। जम्मू क्षेत्र में सांबा, कठुआ, राजौरी, किश्तवाड़, डोडा और उधमपुर में एक-एक सीट बढ़ाई गई है। जबकि कश्मीर क्षेत्र में कुपवाड़ा जिले में एक सीट बढ़ाई गई है.

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. यहां पिछला चुनाव 2014 में हुआ था. यहां की 87 सीटों में से पीडीपी को 28, बीजेपी को 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिलीं. बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई और मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने. मुफ़्ती मोहम्मद सईद का जनवरी 2016 में निधन हो गया। करीब चार महीने तक राज्यपाल शासन जारी रहा. फिर उनकी बेटी महबूबा मुफ़्ती मुख्यमंत्री बनीं. लेकिन ये गठबंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका. 19 जून 2018 को बीजेपी ने पीडीपी से अपना गठबंधन तोड़ दिया. राज्य में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया. फिलहाल वहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा हैं.

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