img

इस बार जन्माष्टमी पर पूजा का शुभ समय देर रात 12.01 से 12.45 तक है, इस दौरान रोहिणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि रहेगी। कहा जाता है कि इसी संयोग में कान्हा का जन्म हुआ था

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि 26 अगस्त 2024 को सुबह 03.39 बजे से शुरू होगी और 27 अगस्त को सुबह 02.19 बजे तक रहेगी. अष्टमी तिथि समाप्त होने के बाद जन्माष्टमी व्रत खोला जाता है

पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी व्रत खोलने के लिए दो समय दिये गये हैं. जिसमें पहली जन्माष्टमी पूजा के बाद यानी 27 अगस्त को रात 12.51 बजे के बाद व्रत खोला जा सकता है। दूसरा, जन्माष्टमी व्रत का पारण उसी दिन सुबह 06 बजकर 08 मिनट के बाद करें, इस समय अष्टमी तिथि भी समाप्त हो जाएगी, पारण के लिए यह शुभ समय उपयुक्त माना जाता है।

पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी व्रत खोलने के लिए दो समय दिये गये हैं. जिसमें पहली जन्माष्टमी पूजा के बाद यानी 27 अगस्त को रात 12.51 बजे के बाद व्रत खोला जा सकता है। दूसरा, जन्माष्टमी व्रत का पारण उसी दिन सुबह 06 बजकर 08 मिनट के बाद करें, इस समय अष्टमी तिथि भी समाप्त हो जाएगी, पारण के लिए यह शुभ समय उपयुक्त माना जाता है।

जो लोग आधी रात की पूजा के बाद अपना जन्माष्टमी व्रत तोड़ना चाहते हैं, वे कान्हा को चढ़ाए गए प्रसाद को खाकर अपना व्रत तोड़ सकते हैं। जिन लोगों ने निर्जला व्रत रखा है उन्हें सबसे पहले पंचामृत का सेवन करना चाहिए और तुलसी पत्र मुंह में रखना चाहिए। इससे पूजा का पूरा फल मिलता है।

जो लोग 27 अगस्त की सुबह सूर्योदय के बाद अपना व्रत तोड़ेंगे उन्हें स्नान-ध्यान के बाद बाल गोपाल की विधिवत पूजा करनी चाहिए और ब्राह्मण को दान देना चाहिए। रात को पूजा के समय चढ़ाया हुआ भोजन ग्रहण करें और उसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण करें।

व्रत खोलने से पहले छोटे बच्चों में प्रसाद बांटें, इससे भगवान कान्हा की पूजा पूरी होती है।

--Advertisement--