रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्यौहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती है। इस दौरान भाई उसे जीवन भर रक्षा करने का वचन देता है।
इस दिन को हर घर में अलग-अलग मान्यताओं और प्रेम की भावनाओं के साथ मनाया जाता है। इस साल राखी का त्योहार सभी के लिए फायदों से भरा है। इस दिन श्रावण मास का अंतिम सोमवार और पूर्णिमा भी है। इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग भी बनेगा। ऐसे में आइए जानते हैं राखी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन 19 अगस्त को भद्रा रहेगी। रक्षाबंधन के दिन भद्रा सुबह 5.53 बजे शुरू होगी और दोपहर 1.32 बजे समाप्त होगी। इस अवधि में राखी बांधना वर्जित है।
वैदिक पंचांग गणना के अनुसार राखी बांधने का शुभ समय 19 अगस्त को दोपहर 01:32 बजे से रात्रि 9:07 बजे तक रहेगा. ऐसे में आप इस मुहूर्त के अनुसार अपने भाई को राखी बांध सकती हैं।
राखी बांधने के लिए सबसे पहले एक थाली में मिठाई और राखी रख लें. अब सबसे पहले भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें, क्योंकि इस हाथ पर राखी बांधना शुभ होता है. फिर उसे मिठाई खिलाएं. - अब अपने भाई की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हुए उनकी आरती करें. इस बीच भाइयों को बहनों के पैर छूने चाहिए. ऐसा करना बहुत शुभ होता है.
रक्षाबंधन का मंत्र- येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वं कामिश्नामि, रक्षे माचल माचल:।
इस दिन सुबह स्नान कर लें. फिर साफ़ कपड़े पहन लें. इसके बाद घर या मंदिर जहां भी आप पूजा करना चाहते हैं वहां शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद महादेव को बेलपत्र और फूल चढ़ाएं। - अब भगवान शिव की पूजा करें. फिर अपने सभी देवी-देवताओं का नाम लें और उनसे अपने भाई की उन्नति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।
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