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वास्तु टिप्स

वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है। घर या दुकान का मुख्य द्वार पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। घर में पूजा का स्थान उत्तर-पूर्व कोने में होना चाहिए जबकि शयनकक्ष दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। रसोईघर अग्निकोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए।

वास्तुशास्त्र कहता है कि घर या दुकान में प्राकृतिक रोशनी और हवा आने के लिए पर्याप्त खिड़कियां होनी चाहिए। खिड़कियाँ दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।

वास्तुशास्त्र कहता है कि घर या दुकान में प्राकृतिक रोशनी और हवा आने के लिए पर्याप्त खिड़कियां होनी चाहिए। खिड़कियाँ दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य द्वार बड़ा और भव्य होना चाहिए। मुख्य द्वार के सामने कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए। घर या दुकान की छत समतल होनी चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य द्वार बड़ा और भव्य होना चाहिए। मुख्य द्वार के सामने कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए। घर या दुकान की छत समतल होनी चाहिए।

घर या दुकान में पानी का भंडारण उत्तर-पूर्व दिशा में करना चाहिए। घर या दुकान में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।

घर या दुकान में पानी का भंडारण उत्तर-पूर्व दिशा में करना चाहिए। घर या दुकान में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।

अपने घर या दुकान के आसपास तुलसी, मनी प्लांट और एलोवेरा जैसे शुभ पौधे लगाएं। घर या दुकान के आसपास कांटेदार पौधे नहीं लगाने चाहिए।

अपने घर या दुकान के आसपास तुलसी, मनी प्लांट और एलोवेरा जैसे शुभ पौधे लगाएं। घर या दुकान के आसपास कांटेदार पौधे नहीं लगाने चाहिए।

अपने व्यवसाय को सफल बनाने के लिए आप अपनी दुकान में श्रीयंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, क्रिस्टल कछुआ या क्रिस्टल बॉल रख सकते हैं। यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

अपने व्यवसाय को सफल बनाने के लिए आप अपनी दुकान में श्रीयंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, क्रिस्टल कछुआ या क्रिस्टल बॉल रख सकते हैं। यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

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